जासूसी बैलून को लेकर अमेरिका और चीन के बीच मतभेद कम नहीं हुए हैं। अमेरिका ने चीन के बैलून कार्यक्रम का समर्थन करने वाली 6 कंपनियों को ब्लैक लिस्ट (Blacklists) में डाल दिया है।
जासूसी बैलून को लेकर अमेरिका और चीन के बीच मतभेद कम नहीं हुए हैं। अमेरिका ने चीन के बैलून कार्यक्रम का समर्थन करने वाली 6 कंपनियों को ब्लैक लिस्ट (Blacklists) में डाल दिया है।
अमेरिकी कॉमर्स डिपार्टमेंट (US Commerce Department) ने शुक्रवार को कहा कि उसने बीजिंग के सैन्य आधुनिकीकरण के प्रयासों का समर्थन करने के लिए छह चीनी कंपनियों को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया है।
अमेरिका (America) का आरोप है कि चीन की सेना हाई एल्टीट्यूड बैलून्स का इस्तेमाल कर खुफिया गतिविधियां को अंजाम दे रही है। वहीं, चीन ने इसे सिविल बैलून बताया था।
अमेरिका में उद्योग और सुरक्षा से जुड़े अधिकारी एलन एस्टेवेज ने शुक्रवार (10 फरवरी) को एक बयान में कहा, "पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना अधिक ऊंचाई वाले गुब्बारों का उपयोग कर हमारी संप्रभुता का उल्लंघन कर रहा है।
चीन की सेना खुफिया गतिविधियों के लिए इसका इस्तेमाल कर रही है। इससे अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है। आज की कार्रवाई साफ करती है कि अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने वाली संस्थाओं को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।''
छह कंपनियों में बीजिंग नानजियांग एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी कंपनी, चीन इलेक्ट्रॉनिक्स प्रौद्योगिकी समूह निगम 48वां अनुसंधान संस्थान और डोंगगुआन लिंगकोंग रिमोट सेंसिंग टेक्नोलॉजी कंपनी शामिल है।
इसके अलावा अन्य तीन ईगल्स मेन एविएशन साइंस एंड टेक्नोलॉजी ग्रुप कंपनी हैं। इन कंपनियों में Guangzhou Tian-Hai-Xiang Aviation Technology, शांक्सी (Shanxi) ईगल्स मेन एविएशन साइंस एंड टेक्नोलॉजी ग्रुप कंपनी शामिल है।