बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर रहेगा फोकस
पटना।बिहार विधानमंडल बजट सत्र आगामी 24 फरवरी यानी शुक्रवार से शुरु हो रहा है। आगामी 28 फरवरी को वित्तीय बजट 2023-24 को विधानमंडल में वर्तमान वित्त मंत्री विजय चौधरी पेश करेंगे। इसका आकार करीब 2.60 लाख करोड़ रुपये का हो सकता है। इस बजट में स्थापना और प्रतिबद्ध मद की राशि बढ़कर 1.37 लाख करोड़ से 1.60 लाख करोड़ हो सकती है।
बजट में शिक्षा,रोजगार,स्वास्थ्य और ग्रामीण आधारभूत संरचना पर ज्यादा फोकस रहने की संभावना है। चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 और उसके पीछे 2021-22 का बजट का आकार क्रमश: 237 लाख और 2.18 लाख करोड़ का था। इसमें 2022-23 में 2.37 लाख करोड़ के बजट में से योजना मद में 1.37 लाख करोड़ का प्रवधान था, जिसमें अकेले वेतन मद में 64,788 करोड़ रुपये का बजट था। वहीं 2021-22 में बजट का आकार 2.18 लाख करोड़ का था, जिसमें से विकास योजना मद में एक लाख करोड़ और और स्थापना तथा प्रतिबद्ध व्यय में 1.17 लाख करोड़ का प्रवधान किया गया था।
बिहार सरकार की एशियाई डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टिट्यूट के चीफ इकोनॉमिस्ट सुधांशु जी ने हि.स. से बातचीत में कहा कि बिहार में चुनौतियां कई है, लेकिन सरकार बहुत अच्छा काम कर रही है। बजट का आकार बढ़ेगा तो इससे आधारभूत संरचाना के साथ-साथ कृषि और रोजगार के अवसर में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा कि बजट का आकार अगर 10 प्रतिशत बढ़ता है तो महंगाई भी उसी हिसाब से बढ़ी है। यह बढ़ोतरी उसमें यह बजट सहायक होगी।