वनडे विश्व कप 2023 में भारतीय टीम चैंपियन बनने की सबसे प्रबल दावेदार थी। भारत ने शानदार शुरुआत की और लगातार 10 मैच जीतकर फाइनल में जगह बनाई। वहीं, ऑस्ट्रेलिया शुरुआती दो मुकाबलों में हार के बाद लगातार आठ मैच जीतकर फाइनल में पहुंचा।
वनडे विश्व कप 2023 के फाइनल में टीम इंडिया की हार के 11 दिन बाद बीसीसीआई अधिकारियों ने दिल्ली में बैठक की। इस बैठक में टीम के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ भी शामिल हुए और कप्तान रोहित शर्मा वीडियो कॉल के जरिए जुड़े। रोहित शर्मा ने फिलहाल वनडे और टी20 से ब्रेक लिया है। वह लंदन में छुट्टियां मना रहे हैं। इस बैठक में विश्व कप फाइनल में भारतीय टीम की हार पर चर्चा हुई और भविष्य के लिए टीम चयन और कप्तानों को लेकर बात हुई। इसी बैठक में दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए तीनों फॉर्मेट में टीम इंडिया के चयन पर भी बात हुई।
वनडे विश्व कप 2023 में भारतीय टीम चैंपियन बनने की सबसे प्रबल दावेदार थी। भारत ने शानदार शुरुआत की और लगातार 10 मैच जीतकर फाइनल में जगह बनाई। वहीं, ऑस्ट्रेलिया शुरुआती दो मुकाबलों में हार के बाद लगातार आठ मैच जीतकर फाइनल में पहुंचा। भारत ने लीग स्टेज में इस टूर्नामेंट में शामिल सभी टीमों को हराया। सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड को पटखनी दी, लेकिन फाइनल में जहां जीत सबसे ज्यादा जरूरी थी। वहीं, भारतीय टीम हार गई और विश्व चैंपियन बनने से चूक गई।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बैठक में बीसीसीआई सचिव जय शाह, उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला और कोषाध्यक्ष आशीष शेलार शामिल हुए। बोर्ड के अधिकारियों ने कोच द्रविड़ और कप्तान रोहित से विश्व कप फाइनल में मिली हार के बारे में सवाल किया। राहुल द्रविड़ का कार्यकाल 19 नवंबर को समाप्त हुआ था, लेकिन इसे टी20 विश्व कप 2024 तक आगे बढ़ा दिया गया है।
द्रविड़ ने कथित तौर पर भारत की हार के लिए अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम की पिच को जिम्मेदार ठहराया। पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा कि पिच से उतना टर्न नहीं मिला, जितनी भारतीय टीम प्रबंधन को उम्मीद थी। इसी वजह से भारतीय गेंदबाज ऑस्ट्रेलिया को लक्ष्य का पीछा करने से रोकने में असफल रहे।
अहमदाबाद में फाइनल के लिए धीमी पिच क्यों?
फाइनल के लिए जो पिच इस्तेमाल की गई थी। यह वही पिच थी, जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ लीग मैच में किया गया था। भारत ने वह मैच काफी आसानी से जीत लिया था लेकिन एक बड़ा कारण टॉस था। पाकिस्तान ने उस मैच में पहले बल्लेबाजी की थी और फाइनल में भारत की तरह ही बीच के ओवरों में तेजी से रन बनाने के लिए संघर्ष किया था। कप्तान रोहित की तेज शुरुआत के बावजूद, भारत के विराट कोहली और केएल राहुल बीच के ओवरों में तेज गति से रन नहीं बना सके।
इसके पीछे दो मुख्य कारण थे। धीमी पिच और ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों का शानदार प्रदर्शन। इस पिच को स्थानीय क्यूरेटर की सलाह पर चुना गया था। आईसीसी का कोई भी नियम विश्व कप में नॉकआउट मैचों के लिए नई पिच तैयार करना अनिवार्य नहीं बनाता है। हालांकि, आम तौर पर नई पिच की सलाह दी जाती है। लेकिन इस विश्व कप के सभी नॉकआउट मैच पहले भी इस्तेमाल की गई पिचों पर खेले गए।
फाइनल की पिच पर स्पिनरों को अधिक मदद करने के लिए कम पानी डाला गया था, लेकिन इसका भारत के लिए उलटा असर हुआ। पिच से ज्यादा टर्न नहीं मिल रहा था लेकिन पिच काफी धीमी थी, खासकर पहले पारी में। ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला करके भारत को चौंका दिया, क्योंकि उन्हें पता था कि रोशनी में पिच आसान होने की संभावना है। बिलकुल वैसा ही हुआ। भारतीय बल्लेबाजों को पहली पारी में रन बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ा और वे 240 रन तक ही सीमित रह गए। जवाब में, ऑस्ट्रेलिया ने शुरुआती तीन विकेट खोने के बावजूद ट्रेविस हेड के शानदार शतक की मदद से जीत हासिल की।