पांकी हिंसा के बाद 15 फरवरी से इंटरनेट सेवा पर लगाई गई थी रोक
मेदिनीनगर। पलामू जिले के पांकी में महाशिवरात्रि पर तोरणद्वार बनाने को लेकर 15 फरवरी को दो समुदायों के बीच हुई हिंसा के बाद से चौथे दिन रविवार को इंटरनेट सेवा शुरू हो गई है। पांकी में दो पक्षों में टकराहट के बाद बुधवार रात आठ बजे से इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी। अब तक कुछ ही कंपनियों ने अपनी इंटरनेट सेवा को चालू किया है। शाम तक सभी कंपनियां इंटरनेट सेवा शुरू कर देगी। फिलहाल, इलाके में धारा 144 जारी रहेगी।
पांकी में हुए विवाद के पांच दिन के बाद स्थिति सामान्य होने के आसार दिख रहे हैं। प्रशासनिक पदाधिकारियों ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि स्थिति को नियंत्रण में रखते हुए सामान्य बनाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। प्रशासनिक हस्तक्षेप और आमजनों के सहयोग से पांकी की स्थिति पूर्व की तरह बहाल होने की पूरी उम्मीद दिख रही है। जल्द ही पांकी में आम जनजीवन सामान्य हो जायेगा।
इधर, आमलोग भी जल्द ही इस विकट स्थिति से उबरने की उम्मीद लगाये बैठे हैं। स्थिति बिगड़ने से व्यवसायी, विद्यार्थी, मजदूर सहित अन्य लोग प्रभावित हो गये हैं। पांकी में घटना के कारण पूरे पलामू जिले में इसका असर पड़ा है।
पुलिस प्रशासन की कड़ी चौकसी और सुरक्षा के बीच शनिवार को पांकी में महाशिवरात्रि पर्व मनाया गया।महाशिवरात्रि के अवसर पर भगवान शिव की बारात नहीं निकाली जा सकी। पांकी के राहेवीर पहाड़ी मंदिर से महाशिवरात्रि पर हर वर्ष भगवान शिव की बारात निकालने की परंपरा रही है लेकिन पांकी के घटना के कारण वर्षों की यह परंपरा इस वर्ष टूट गयी। प्रशासन के निर्देश पर राहेवीर पहाड़ी मंदिर सहित पांकी प्रखंड मुख्यालय शिव मंदिर में कड़ी सुरक्षा के बीच पूजा अर्चना की गयी।
इलाके में पलामू जोन के आईजी राजकुमार लकड़ा, डीसी ए दोड्डे, सीनियर आईपीएस इंद्रजीत महथा, एसपी चंदन कुमार सिन्हा समेत कई अधिकारी लगातार कैम्प कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि पांकी हिंसा मामले में पुलिस ने 18 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है। कुल 159 नामजद और जबकि 2900 अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पांकी के 20 किलोमीटर के दायरे में 2100 से अधिक पुलिस बल की तैनाती की गई है।