विगत वर्ष 17 दिसंबर 2022 को बोरियो प्रखंड के संथाली गांव के मोमिन टोला में नव निर्मित आंगनबाड़ी केंद्र के पीछे से रेबिका पहाड़िन के शव के अलग-अलग टुकड़े मिले थे। पैर के नाखून में लगी नेल पॉलिश को देखकर रेबिका की पहचान उसकी बड़ी बहन शीला पहाड़िन ने की थी।
रेबिका पहाड़िन हत्याकांड के मुख्य आरोपी मैनुल अंसारी को दिल्ली में गिरफ्तारी के बाद 18 फरवरी को साहिबगंज लाया गया। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह फरार चल रहा था। हत्याकांड को अंजाम देकर वह फरार हो गया था। गिरफ्तारी के डर से वह दिल्ली में जाकर छुपा था। पुलिस उसे लगातार तलाश रही थी। बोरियो थाना प्रभारी जगरनाथ पान को उसे दिल्ली में छुपे होने की गुप्त सूचना मिली।
सूचना पाकर थाना प्रभारी गुपचुप तरीके से दिल्ली रवाना हुए। दिल्ली पुलिस के सहयोग से उसके दोनों बेटे को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। दोनों बेटे की निशानदेही पर उसे 17 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया गया। हत्याकांड को अंजाम देने के 62 दिनों बाद उसकी गिरफ्तारी हुई। यह जानकारी 18 फरवरी को एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा ने पत्रकारों को दी।
विगत वर्ष 17 दिसंबर 2022 को बोरियो प्रखंड के संथाली गांव के मोमिन टोला में नव निर्मित आंगनबाड़ी केंद्र के पीछे से रेबिका पहाड़िन के शव के अलग-अलग टुकड़े मिले थे। पैर के नाखून में लगी नेल पॉलिश को देखकर रेबिका की पहचान उसकी बड़ी बहन शीला पहाड़िन ने की थी। पुलिस हत्याकांड मामले के और आरोपियों को पूर्व में गिरफ्तार कर चुकी है।
गिरफ्तार आरोपियों के नाम रेबिका के पति दिलदार अंसारी, दिलदार की पहली पत्नी शरेजा खातून, भाई मो। महताब अंसारी, आमिर हुसैन, बहन गुलेरा खातून, मां मरियम निशा, पिता मुस्तकीम अंसारी, जरीना खातून, मैनुल हक मोमिन और शहरबानो खातून हैं। सभी गिरफ्तार आरोपी फिलहाल जेल में बंद हैं।