कंनपी की वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहार का बेगूसराय शहर दुनियाभर का सबसे प्रदूषित शहर है। वहीं टॉप 50 प्रदूषित शहरों में 42 भारत के ही हैं। बेगूसराय के बाद दूसरा नंबर गुवाहाटी का है।
नई दिल्ली। दिल्ली एक बार फिर दुनिया की सबसे प्रदूषित कैपिटल सिटी बन गई है। वहीं प्रदूषण के मामले में भारत पाकिस्तान और बांग्लादेश के बाद तीसरे स्थान पर है। स्विस कंपनी IQAir के सर्वे के मुताबिक साल 2023 में प्रदूषण के मामले में भारती आठवें स्थान से तीसर पायदान पर आ गया है। कंनपी की वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहार का बेगूसराय शहर दुनियाभर का सबसे प्रदूषित शहर है। वहीं टॉप 50 प्रदूषित शहरों में 42 भारत के ही हैं। बेगूसराय के बाद दूसरा नंबर गुवाहाटी का है।
दिल्ली वैसे तीसरे नंबर का सबसे प्रदूषित शहर है। चौथे स्थान पर पंजाब का मुल्लानपुर और पांचवें पर पाकिस्तान का लाहौर है। दिल्ली एनसीआर की बात करें तो ग्रेटर नोएडा 11वें और गुरुग्राम 17वें स्थान पर है। 2023 का डेटा जुटाने के लिए 7812 जगहों पर 30 हजार से ज्यादा एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन बनाए गए थे। इनसे 134 देशों का डेटा निकाला गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस लिस्ट में ऑस्ट्रेलिया ईस्टोनिया, फिनलैंड, ग्रेनाडा, आईसलैंड, मॉरिशस और न्यूजीलैंड भी शामिल है।
2022 की रैंकिंग में बेगूसराय का नाम नहीं था। वहीं दिल्ली को 2018 से लगातार दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी बताया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 1.36 अरब लोग पीएम 2.5 कंसंट्रेशन से प्रभावित हैं। देश के 6 फीसदी से अधिक शहरों में पीएम 2.5 35 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से ज्यादा है। बता दें कि इस संगठन ने वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन सरकारी निकायों, विश्वविद्यालयों और अन्य संस्थाओं में भी लगा रखे हैं। जहां से सालभर निगरानी की जाती है।
WHO के मुताबिक हवा में पीएम 2.5 का स्तर बढ़ने से लोगों को कई गंभीर बीमारियों का खतरा रहता है। इसमें कैंसर, अस्थमा, फेफड़ों की अन्य बीमारियां शामिल हैं। इसके अलावा डाइबिटीज और मानसिक बीमारियां भी हो सकती हैं। पीएम 2.5 प्रदूषक कण होते हैं जिनके आकार 2.5 माइक्रोन होता है। यह बिजली संयंत्रों, जंगल की आग, उद्योगों और वाहनों से पैदा होता है। इसकी मात्रा हवा में बढ़ने से लोगों को सांस लेने में तकलीफ होती है और धुंध छाने लगती है। हर साल राजधानी दिल्ली में सर्दियों में प्रदूषण की गंभीर स्थिति देखने को मिलती है। पंजाब और हरियाणा के खेतों में पराली जलाने को इसके लिए जिम्मेदारा बताया जाता है।