उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षक दिवस के अवसर पर अध्यापकों का आह्वान किया कि वर्तमान पीढ़ी को बनाने के लिए जितनी मेहनत हो सकती है वे करें। साथ ही मॉर्निंग असेंबली को नियमित रूप से पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाएं।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षक दिवस के अवसर पर अध्यापकों का आह्वान किया कि वर्तमान पीढ़ी को बनाने के लिए जितनी मेहनत हो सकती है वे करें। साथ ही मॉर्निंग असेंबली को नियमित रूप से पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाएं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश के 94 शिक्षकों को सम्मानित किया, 2.09 लाख टैबलेट वितरण कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने प्रदेश में 18,381 स्मार्ट क्लास व 880 आईसीटी लैब का उद्घाटन भी किया।
मुख्यमंत्री ने शिक्षकों से कहा कि नए सिरे से पीढ़ियों को बनाने का कार्य आप कर रहे हैं। जो पीढ़ियां बनेंगी, वो जीवन भर आपको याद करेंगी। यदि हमारे शिक्षक नहीं होते तो आज हम यहां तक नहीं पहुंच पाते, आगे नहीं बढ़ पाते। हमारे शिक्षकों का योगदान हमारे व्यक्तित्व के निर्माण और चुनौतियों से लड़ने के लिए प्रेरणा देता रहा। वे सुविधाभोगी नहीं थे। वे अल्प संसाधनों और कम वेतन में कार्य करते थे। उन्होंने उस समय जो मेहनत की तब जाकर आज पीढ़ियां बनीं और यही कार्य आप भी कर सकते हैं। आप भी अपने छात्रों के लिए वंदनीय बन सकते हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर सांकेतिक रूप से मुख्यमंत्री योगी ने 06 बेसिक शिक्षा एवं 06 माध्यमिक शिक्षा के शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। सम्मान राशि 25000 रुपये उनके खाते में पहले ही भेजी जा चुकी है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि एक शिक्षक की भूमिका के बारे में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का स्पष्ट कहना था कि वह राष्ट्र निर्माता है। प्राचीन काल से ही भारत ने अपने शिक्षकों की इस परंपरा को मान्यता दी है। सम्मान के साथ श्रद्धापूर्वक समाज में विशिष्ट स्थान देने का कार्य किया। समय के अनुरूप दोनों पक्ष सामने आते गए। एक पक्ष जो इसका उज्ज्वल पक्ष था। यह वो पक्ष है जो जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में वर्तमान पीढ़ी का मार्गदर्शन करते हुए राष्ट्र की नींव को सुदृढ़ करते हुए एक राष्ट्र निर्माता के रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन करता है। दूसरा कृष्ण पक्ष है, जब ट्रेड यूनियन की तरह कोई शिक्षक विद्यालय कार्यों से विरत होकर दिन भर शिक्षा अधिकारियों के घर में या उनके कार्यालयों में बैठकर के अपनी वर्तमान पीढ़ी के भविष्य के साथ खिलवाड़ करता है तो उसका कृष्ण पक्ष भी समाज को देखने को मिलता है। समाज भी उस व्यक्ति को संदेह की निगाह से देखता है। इन दोनों पक्षों को ध्यान में रखते हुए शिक्षा जगत की वर्तमान समस्याओं को समाधान की तरफ बढ़ाने का कार्य हमें करना होगा। प्रसन्नता है कि आज प्रदेश के उन 94 शिक्षकों को सम्मानित किया जा रहा है, जिन्होंने अपने क्षेत्र में कुछ यूनीक कार्य किया है। उनका कार्य दूसरों के लिए प्रेरणा बना है, उन्हें सम्मानित करते हुए प्रसन्नता की अनुभूति हो रही है।
योगी ने शिक्षकों से कहा कि समाज और राष्ट्र के निर्माता के रूप में आपकी भूमिका को आगे बढ़ाने और वर्तमान पीढ़ी को प्रेरित करने की एक बड़ी जिम्मेदारी आपको दी गई है। अगर हम समय के अनुरूप नहीं चलेंगे तो फिर समय हम सबको पीछे धकेल देगा। हम अग्रिम पंक्ति में खड़े होकर समाज को दिशा दें, इस भूमिका के साथ हम सबको स्वयं को तैयार करना होगा। दूरदर्शिता के साथ हमें आगे बढ़ना होगा। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में कोरोना कालखंड के दौरान लागू हुई। इससे जुड़े हुए अनेक कार्यक्रम लागू किए गए। प्रसन्नता है कि आज इसी कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए बेसिक शिक्षा परिषद के द्वारा प्राथमिक विद्यालयों में 2.09 लाख टैबलेट वितरित करने का कार्यक्रम शुरू हुआ है। यानी हर विद्यालय को दो-दो टैबलेट मिलेंगे। इनके उपयोग से विद्यालयों में नए-नए कंटेंट के बारे में जानकारी मिलेगी और विद्यालयों की गतिविधियों से संबंधित जानकारी भी इसके माध्यम से अपलोड करने में मदद मिल पाएगी। यह बेसिक शिक्षा परिषद के द्वारा शुरू किया गया बड़ा अभियान है। टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अब कोई आपका मुकाबला नहीं कर पाएगा। जब टैबलेट आपके हाथ में होगा तो लोगों को विश्वास होगा कि बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक भी हर प्रकार से पारंगत हैं।