राशन भ्रष्टाचार की जांच में ईडी का दावा
कोलकाता। राशन भ्रष्टाचार मामले में फंसे कारोबारी बकीबुर्रहमान ने राज्य के वन मंत्री और पूर्व खाद्य मंत्री को दो बार में कुल 80 लाख रुपये दिये हैं। ऐसा केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी का दावा है। ईडी का दावा है कि बकीबुर के साथ उसके कर्मचारियों की व्हाट्सएप चैट में इस पैसे के लेन-देन की बात सामने आई है। ईडी की पूछताछ के दौरान बकीबुर ने यह भी स्वीकार किया कि उसने तत्कालीन खाद्य मंत्री को पैसे दिए थे।
ईडी ने कहा कि गिरफ्तारी के दौरान बकीबुर के पास से जब्त किए गए मोबाइल फोन के बाद लेनदेन का खुलासा हुआ। 'एमआईसी' नामक व्यक्ति को कई बार पैसे देने की जानकारी भी सामने आई है। केंद्रीय जांच एजेंसी के मुताबिक, इस 'एमआईसी' का मतलब 'प्रभारी मंत्री' है और वह मंत्री कोई और नहीं बल्कि पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय हैं। ईडी का आरोप है कि मंत्री ज्योतिप्रिय उर्फ बालू सीधे तौर पर राशन वितरण 'भ्रष्टाचार' में शामिल थे। वह 2011 से 2021 तक खाद्य मंत्री रहे। बाद में 2021 में उन्हें वन मंत्री की जिम्मेदारी दी गई।
ईडी ने दावा किया कि जब बालू खाद्य मंत्री थे तो उन्होंने बकीबुर के 'भ्रष्टाचार' से आर्थिक लाभ उठाया था। ईडी ने कहा कि जांच के दौरान बकीबुर और एक व्यक्ति के बीच व्हाट्सएप पर हुई बातचीत सामने आई है। केंद्रीय जांच एजेंसी का दावा है कि वहां मंत्री को पैसे देने की बात सामने आई थी। ईडी ने दावा किया कि 2020 में 'एमआईसी' को 68 लाख रुपये का भुगतान किया गया। एमआईसी को भेजे गए पैसे का खुलासा बाकिबुर और उसके एक कार्यकर्ता के बीच एक व्हाट्सएप संदेश में हुआ। केंद्रीय जांच एजेंसी ने यह भी कहा कि जब्त किए गए फोन के व्हाट्सएप संदेश से 'एमआईसी' को 12 लाख रुपये और देने की जानकारी सामने आई। जिस व्यक्ति के पास फोन था उसने ईडी को बताया कि मंत्री ज्योतिप्रियो के निर्देश पर उन्हें 12 लाख रुपये दिए गए थे।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि बाकिबुर ने ईडी हिरासत में पूछताछ के दौरान ज्योतिप्रिया को 12 लाख रुपये देने की बात भी स्वीकार की। हालांकि, बकिबुर ने कहा कि उसने ज्योतिप्रिया को 12 लाख रुपये का कर्ज दिया था। ईडी ने कहा कि जांच के दौरान बकिबुर और एक व्यक्ति के व्हाट्सएप संदेश में मल्लिक परिवार के लिए टिकट बुकिंग की जानकारी भी सामने आई थी। उस जानकारी के अनुसार, बाकिबुर ने मंत्री-परिवार के लिए उड़ान टिकट बुक किया था। जांच एजेंसी के मुताबिक बाद में टिकट रद्द कर दिया गया। टिकट कैंसिल होने की वजह से बाकिबुर को टिकट कैंसिलेशन के पैसे गिनने पड़े? ईडी ने राशन वितरण भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार कारोबारी बाकिबुर के साथ मंत्री ज्योतिप्री के 'पारिवारिक रिश्ते' का भी पता लगाया है।
केंद्रीय जांच एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक,जांचकर्ताओं को पता चला है कि दोनों परिवार एक साथ कई कंपनियाँ चलाते थे। वे सभी संस्थाएं विभिन्न फर्जी संस्थाओं में अरबों रुपए का निवेश करती थीं! 14 अक्टूबर को भ्रष्टाचार से जुड़े आरोप में कारोबारी बाकिबुर की गिरफ्तारी के बाद बालू का नाम सामने आया था। जांचकर्ताओं के सूत्रों के मुताबिक, बाकिबुर को हिरासत में लेने और पूछताछ करने के दौरान उन्होंने ईडी के जांच अधिकारियों को कई जानकारियां दीं। जिसके आधार पर गुरुवार सुबह से मंत्री से मैराथन पूछताछ की गई। ईडी ने पूछताछ के बाद बालू को गिरफ्तार कर लिया।