प्राप्त जानकारी के अनुसार कल्याणी जेएनएम अस्पताल द्वारा स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट भेजी गयी है।
कोलकाता। नदिया जिला स्थित एक सरकारी अस्पताल में डायलिसिस कराने गये 5 रोगियों के एचआईवी संक्रमित होने का आरोप लगाया है। यह आरोप नदिया जिले के कल्याणी जेएनएम अस्पताल पर लगा है। सूत्रों के मुताबिक, मरीज के परिजनों द्वारा घटना की विस्तृत जानकारी दिए जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग में कल्याणी जेएनएम अस्पताल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है। स्वास्थ्य सचिव नारायणस्वरूप निगम ने इस बाबत कल्याणी जेएनएम अस्पताल में रिपोर्ट तलब की है। बता दें कि नदिया जिले के कल्याणी जेएनएम अस्पताल पीपीपी मॉडल पर चलाया जा रहा है। यहां किडनी की बीमारी से पीडि़त लोगों का इलाजा होता है। यहां पर उनकी डायलिसिस की जाती है। इसी डायलिसिस सेंटर पर लापरवाही का आरोप लगा है।
सूत्रों के अनुसार कल्याणी जेएनएम अस्पताल के पीपीपी मॉडल डायलिसिस सेंटर में डायलिसिस कराने वाली 2 महिलाओं समेत 5 मरीज जनवरी से मार्च के बीच एचआईवी से संक्रमित हुए हैं। मरीज के परिजनों का आरोप है कि इस डायलिसिस सेंटर में डायलिसिस के दौरान उनके मरीज एचआईवी पॉजिटिव से संक्रमित हो गये हैं। मरीजों ने इस बाबत राज्य स्वास्थ्य विभाग से शिकायत की। उसके बाद राज्य के स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम ने रिपोर्ट मांगी थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार कल्याणी जेएनएम अस्पताल द्वारा स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट भेजी गयी है।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूरे मामले की जांच की जा रही है। इस संबंध में सर्विस डॉक्टर्स फोरम के कोषाध्यक्ष डॉ स्वपन विश्वास ने बताया कि इस तरह की समस्या मूलत: सरकारी अस्पतालों में मूलभूत सुविधाओं, रखरखाव और मैनपावर की कमी के कारण हो रही है।
नियमानुसार यदि किसी मरीज की डायलिसिस की जाती है, तो उसके लिए अलग-अलग इक्यूपमेंट का इस्तेमाल होना चाहिए, लेकिन यह मूलभूत सुविधा के कारण संभव नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि इसे किसी व्यक्ति विशेष की लापरवाही नहीं करार दी जानी चाहिए।जिस तरह से पांच लोगों के डायलिसिस सेंटर में संक्रमित होने के आरोप लगे हैं। इससे यह साबित होता है कि डायलिसिस सेंटर की स्थिति कितनी जर्जर है। इस मामले की उपयुक्त जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दस्ताने, सीरिंज, उपकरण सफाई सामग्री, सुई, रक्त आदि से संक्रमण फैल सकता है। यदि यहां संक्रमण हुआ, तो निश्चित रूप से प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया है।