राज्यपाल ने साफ कहा कि वह इस घटना की कड़ी शब्दों में निंदा करते हैं।
कोलकाता। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री निशीथ अधिकारी के काफिले पर दिनहाटा में हुए हमले पर राज्य के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। राज्यपाल ने रविववार को एक प्रेस बयान जारी कर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री पर हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है। राज्यपाल ने साफ कहा कि वह इस घटना की कड़ी शब्दों में निंदा करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने ममता बनर्जी सरकार ने तत्काल एक्शन टेकन रिपोर्ट तलब की है। बता दें कि शनिवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के काफिले पर हमला हुआ था। उनके जुलूस में फायरिंग की घटना घटी थी।
जुलूस पर हमले के बाद निशीथ अधिकारी ने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस कर आरोप लगाया था कि उन्हें मारने की साजिश रची गई थी। इसके साथ ही नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की थी। राजभवन से जारी किये गये प्रेस विज्ञप्ति के जरीये उन्होंने कहा कि राज्य मंत्री (गृह मंत्रालय) निशीथ प्रमाणिक पर हमले को लेकर मैंने इस मामले में गोपनीय पूछताछ की है और व्यक्तिगत रूप से चर्चा की है। इस दौरान कई चौंकाने वाली बात आई है। विरोध लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन हिंसा सभ्य आचरण का हिस्सा नहीं है। कानून हाथ में लेने की कोशिश करने वाले असामाजिक तत्वों से सख्ती से निपटा जाएगा। हिंसा को बेरहमी से जड़ से उखाड़ फेंका जाएगा। संविधान को उन सभी को कायम रखना चाहिए जो ऐसा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने कहा कि बंगाल उम्मीद करता है कि प्रत्येक अधिकारी बिना किसी भय या पक्षपात के अपना कर्तव्य निभाए, चाहे वह पुलिस में हो या दंडाधिकारी या कोई भी शासन का पक्ष हो। कानून और व्यवस्था के रखरखाव में किसी भी तरह की ढिलाई से अराजकता और अराजकता पैदा होगी, तो कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा राजभवन इसपर एक्शन लेगा। कड़े शब्दों में राजभवन के ओर से कहा गया हैं कि किसी भी परिस्थिति में अराजक तत्वों और गुंडों को समाज को जकड़े रखने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
राज्यपाल कहीं भी कानून-व्यवस्था बिगडऩे का मूक गवाह नहीं बनेगा, राज्यपाल के रूप में, यह सुनिश्चित करना मेरा कर्तव्य है कि पश्चिम बंगाल एक नरम राज्य में न जाए। कड़ाई के साथ कानून की स्थापना की जाएगी। लोकतंत्र को भीड़तंत्र में परिणत होने की अनुमति नहीं दी जाएगी। सरकार अपराधियों से निपटते समय तत्काल और प्रत्यक्ष कार्रवाई करेगी और कानून के शासन को बनाए रखना होगा। भविष्य में समस्याओं को रोकने के लिए समय पर और निर्णायक कार्रवाई शुरू की जाएगी। जिम्मेदार कानून प्रवर्तन से तुरंत कार्रवाई की गई रिपोर्ट मांगी जाती है