गवर्नर ने कहा कि वह टिप्पणियों पर बहुत अधिक ध्यान नहीं देते। लोगों के लिए काम करना जरूरी है। लोग समस्या में हों तो वह खामोश नहीं बैठ सकते।
कोलकाता। उत्तर बंगाल के कई हिस्सों में बाढ़ के हालात हैं। सिक्किम में बादल फटने के बाद भारी बारिश के कारण तीस्ता नदी का जलस्तर सामान्य से ऊपर उठकर मैदानी इलाकों में घुस गया है। दार्जिलिंग, कलिम्पोंग और डुआर्स समेत उत्तर बंगाल के विस्तृत इलाके बाढ़ की चपेट में हैं। इस बीच राज्यपाल दिल्ली का अपना दौरा संक्षिप्त करते हुए गुरुवार को उत्तर बंगाल पहुंचे हैं और हालात का जायजा लिया है। इस पर ममता कैबिनेट में मंत्री पार्थ भौमिक ने राज्यपाल पर सवाल खड़ा किया है। लोगों के लिए राहत और बचाव कार्य की निगरानी सुनिश्चित करने और हालात का जायजा लेने के कार्य पर भी सवाल खड़ा करते हुए पार्थ ने कहा है कि राज्यपाल उत्तर बंगाल में पर्यटक के रूप में आए हैं। उनका काम सिर्फ यहां आकर घूमना है और लुत्फ लेना है।
इस पर भी राज्यपाल ने पलटवार किया है। गवर्नर ने कहा कि पार्थ भौमिक ठीक ही कह रहे हैं कि मैं उत्तर बंगाल के लिए एक पर्यटक हूं। लेकिन बेहतर होता कि राज्य मंत्रिमंडल में नियुक्त मेरे कनिष्ठ साथी भी मेरे साथ यहां पर्यटक के रूप में आते और लोगों की समस्याओं का समाधान करते। गवर्नर ने कहा कि वह टिप्पणियों पर बहुत अधिक ध्यान नहीं देते। लोगों के लिए काम करना जरूरी है। लोग समस्या में हों तो वह खामोश नहीं बैठ सकते।
तृणमूल ने भी उठाए सवाल
इधर राज्यपाल के उत्तर बंगाल दौरे पर सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने भी सवाल खड़ा किया है। पार्टी ने कहा है कि दिल्ली में अभिषेक बनर्जी सहित अन्य नेताओं को प्रताड़ित करने के खिलाफ गुरुवार को राजभवन घेराव का अभियान किया गया है। इसी से घबराकर राज्यपाल उत्तर बंगाल पहुंचे हैं। यह महज संजोग नहीं बल्कि सोची समझी रणनीति का हिस्सा है।