संदेशखाली को लेकर पहली बार सार्वजनिक तौर पर बायन देते हुए तृणमूल महासचिव अभिषेक बनर्जी ने भाजपा को लताड़ते हुए आरोप लगाया कि भाजपा संदेशखाली पर राजनीति कर रही है।
संदेशखाली को लेकर पहली बार सार्वजनिक तौर पर बायन देते हुए तृणमूल महासचिव अभिषेक बनर्जी ने भाजपा को लताड़ते हुए आरोप लगाया कि भाजपा संदेशखाली पर राजनीति कर रही है। सुर्खियों में बने रहने के लिए विपक्षी खेमे के नेता एक-एक कर वहां पहुंच रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने आईपीएस अधिकारी को 'खालिस्तानी' कहने को लेकर शुवेंदु अधिकारी पर भी हमला बोला।
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 मार्च को बारासात में सभा करने वाले हैं। कहा जा रहा था कि मोदी उस दौरे के दौरान संदेशखाली की महिलाओं से मुलाकात कर सकते हैं. लेकिन महिला दिवस को ध्यान में रखते हुए मोदी 6 की बजाय 8 तारीख को आ रहे हैं. यही खबर है. जिसे लेकर अभिषेक रविवार को महेशतला में पत्रकारों से रूबरू होने पर कटाक्ष करने से नहीं चूके. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा है आठ तारीख को आ रहा हूँ तब तक इस मुद्दे को जिंदा रखना. दरअसल संदेशखाली अब सुर्खियों में है, इसलिए विपक्षी नेता बार-बार संदेशखाली भाग रहे हैं। एक साथ भी नहीं. एक-एक करके एक-एक करके जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव करीब आते ही दिल्ली के नेता फिर से बंगाल आने वाले हैं।
ये पूछे जाने पर कि क्या अभिषेक बनर्जी खुद संदेशखाली जाएंगे? इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि स्थिति ठीक होने दीजिए मैं जाउंगा और धर्मों के बीच मतभेद पैदा करने की राजनीति बंद होनी चाहिए. अभिषेक ने शुवेंदु को 'खालिस्तानी' मुद्दे पर आड़े हाथों लिया. उन्होंने विपक्षी दल के नेता को औपचारिक चुनौती देते हुए कहा कि उनकी बातें सही नहीं हैं. सुबह जो तुम कहते हो वह दोपहर को बदल जाता हैं। उन्होंने कहा कि शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि था वे 24 घंटे के अंदर सुप्रतिम सरकार के खिलाफ कार्रवाई करेंगे लेकिन 72 घंटे बीत चुके हैं वे कहां हैं? सिख होने के कारण ड्यूटी पर तैनात पगड़ीधारी आईपीएस अधिकारी को खालिस्तानी कहा जाता है। उसकी आवाज के नमूने की जांच करायी जाये. दूध का दूध पानी का पानी हो जायेगा. दरअसल उनकी बातों का कोई मूल्य नहीं है. उनकी राजनीति ईडी-सीबीआई-हाईकोर्ट केंद्रित है।