कोलकाता। शिक्षक भर्ती घोटाले में अब श्वेता चक्रवर्ती नाम की एक महिला का नाम सामने आ रहा है। वह पेशा से सिविल इंजीनियर हैं, लंबे समय से नगर पालिका में काम कर चुकी हैं, लेकिन जैसा कि कहा जाता है कि लालच बुरी बला होती है। श्वेता चक्रवर्ती इस समय शिक्षक भर्ती घोटाले के आरोपी अयान शील की 'करीबी प्रेमिकाÓ के रूप में ईडी की जांच के दायरे में हैं। ईड़ी ने शिक्षा भ्रष्टाचार मामले में अयन सील गिरफ्तार किया गया था। अयान के फ्लैट से श्वेता की कार के कागजात, बैंक के कागजात बरामद हुए थे। ईडी सूत्रों के मुताबिक श्वेता से पूछताछ में कई अहम जानकारियां हाथ लगेंगी। नैहाटी के विजयनगर की रहने वाली श्वेता चक्रवर्ती लंबे समय से मॉडल की दुनिया से जुड़ी हुई हैं। साल 2017 में अयान शील की पत्नी के जरिए उसकी मुलाकात अयन सील से हुई थी। अयन सील प्रमोशन के बिजनेस में है। श्वेता उनकी ब्रांड एंबेसडर थीं।
बता दें कि अयान शील से 37 घंटे पूछताछ के बाद ईडी ने गिरफ्तार किया था। उसके घर से ओएमआर शीट का पुलिंदा मिला था। प्राप्त जानकारी के अनुसार नैहाटी की रहने वाली यह युवती लंबे समय से कमरहटी नगर पालिका में सिविल इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं। जांच एजेंसी को नगर पालिका में भर्ती में भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे, जहां से प्रवर्तन निदेशक के अधिकारियों ने सोमवार को अयान शील के घर से सभी दस्तावेज बरामद किए हैं। ईडी ने दावा किया कि बैरकपुर औद्योगिक क्षेत्र के उत्तर दमदम, दक्षिण दमदम, दमदम, बारानगर, कमरहाटी, पानीहाटी और हालीशहर नगरपालिकाओं में पैसे के लिए नौकरियां बेची गईं हैं। कई नगर पालिकाओं के नाम पहले ही सामने आ चुके हैं और उसी में जांच अधिकारियों को कमरहटी नगर पालिका में कार्यरत श्वेता चक्रवर्ती का सुराग हाथ लगा है। ईडी की जांच में सामने आया था कि अयान ने श्वेता की कार खरीदते वक्त काफी पैसे दिए थे। श्वेता के पिता अरुण चक्रवर्ती ने इस बात को स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि श्वेता कमरहटी नगर पालिका में सिविल इंजीनियर के तौर पर काम कर रही थीं, लेकिन वह अपने खाली समय में एओन के प्रचार-प्रसार में ब्रांड एंबेसडर के तौर पर काम करती थींय उस मौके पर अयान ने कार खरीदने के लिए कुछ पैसे दिए और अधिक कुछ नहीं। कमरहटी नगर पालिका के मेयर श्वेता चक्रवर्ती के बारे में गोपाल साहा ने कहा, श्वेता चक्रवर्ती ने 2016 में कामरहटी नगर पालिका के सिविल इंजीनियर के पद पर ज्वाइन किया था। ऑफिस के काम को छोड़कर उनसे कोई बातचीत नहीं हुई। अयान शील एक बार कामरहटी नगर पालिका में काम के सिलसिले में आया था, अगर मुझे पता होता कि इस तरह की घटना होगी तो मैं भर्ती नहीं करता। ऐसी घटनाएं बेहद दुखद हैं। आधिकारिक प्रक्रिया के अनुसार, श्वेता चक्रवर्ती के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
ईडी ने दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट कुंतल घोष के नाम से दाखिल की
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ भर्ती घोटाले में अपनी दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की, जिसमें तृणमूल कांग्रेस से निष्कासित नेता कुंतल घोष का नाम जोड़ा गया है। घोष इस समय घोटाले में कथित संलिप्तता के कारण न्यायिक हिरासत में हैं। 104 पेज की दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में 18 गवाहों के नाम हैं। सूत्रों ने कहा कि पूरक चार्जशीट में ईडी के अधिकारियों ने घोष से जुड़े 2 करोड़ रुपये के बेहिसाब धन का उल्लेख किया है, जिसमें से 1 करोड़ रुपये नकद में थे और शेष 1 करोड़ रुपये घोष के स्वामित्व वाली संपत्ति के मूल्य से संबंधित हैं। सूत्रों ने कहा कि पूरक चार्जशीट में इस बात का विवरण है कि कैसे घोष ने राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष और तृणमूल कांग्रेस के विधायक माणिक भट्टाचार्य के साथ घनिष्ठ समन्वय बनाए रखा, जिन्होंने राज्य में अवैध नियुक्तियां देने में अहम भूमिका निभाई थी। तृणमूल के पूर्व महासचिव चटर्जी और भट्टाचार्य दोनों करोड़ों रुपये के घोटाले के सिलसिले में इस समय न्यायिक हिरासत में हैं। इस बीच सूत्र ने आगे कहा कि निजी रियल एस्टेट प्रमोटर अयान शील द्वारा ईडी को दिए गए बयानों में चटर्जी और भट्टाचार्य दोनों के साथ घोष के सीधे संबंध भी स्थापित किए गए थे, जिन्हें केंद्रीय एजेंसी ने सोमवार तड़के घोटाले में गिरफ्तार किया था।
ईडी के एक सूत्र ने कहा, शील ने कबूल किया है कि वह घोष ही थे, जिन्होंने उनके और सत्ताधारी पार्टी के दो दिग्गजों के बीच माध्यम का काम किया। ईडी ने करोड़ों रुपये के घोटाले में अपना पहला आरोपपत्र पिछले साल सितंबर में दायर किया था, जिसमें उसने चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को नामजद किया था, जिनके आवास से केंद्रीय एजेंसी ने पिछले जुलाई में करोड़ों रुपये और सोना बरामद किया था। पिछले साल दिसंबर में फिर से ईडी ने भट्टाचार्य, उनकी पत्नी सतरूपा भट्टाचार्य और बेटे सौविक भट्टाचार्य के नाम पर मामले में अपना पहला पूरक आरोपपत्र दाखिल किया। ये तीनों फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।