दरअसल जून महीने में जो बिजली बिल लोगों को प्राप्त हुए हैं उसमें देखा गया है कि 5 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि इसके लिए पहले से जनता को कोई जानकारी नहीं थी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी इससे वाकिफ दिखी हैं और उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि बिल बढ़ोतरी करने से पहले मुझसे नहीं पूछा गया।
कोलकाता। जून महीने में जब कोलकाता और आसपास के शहरी क्षेत्रों में सीईएससी उपभोक्ताओं का बिजली बिल आया तो देखा गया कि बिल दर में बढ़ोतरी की गयी है। इसके बाद कोलकाता में लोगों का गुस्सा धीरे-धीरे उबलने लगा है। इसको देखते हुए मूुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी सीईएससी से नाराज दिखी हैं। सोमवार को सचिवालय नबान्न में एक उच्चस्तरीय बैठक के दौरान सीएम ने इसको लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त की है। बाद में प्रेस रिपोर्टरों को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने सुना है कि सीईएससी के बिल में बढ़ोतरी की गयी है। यह सही नहीं है। बढ़ाने से पहले मुझसे पूछना चाहिए था। मुझसे बिना पूछे ही सीईएससी ने कैसे बिजली का बिल बढ़ाया दिया? महंगाई से जनता पहले से ही त्रस्त है। ऐसे में बिजली बिल ने और भी झकझोर दिया है।
दरअसल जून महीने में जो बिजली बिल लोगों को प्राप्त हुए हैं उसमें देखा गया है कि 5 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि इसके लिए पहले से जनता को कोई जानकारी नहीं थी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी इससे वाकिफ दिखी हैं और उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि बिल बढ़ोतरी करने से पहले मुझसे नहीं पूछा गया।
पिछले दिनों भाजपा की तरफ से एक प्रतिनिधिमंडल ने सीईएससी मुख्यालय में जाकर एक ज्ञापन सौंपा था और कहा था कि जिन घरों में एसी तक नहीं चलते, केवल बल्ब और पंखे चलते हैं, वहां भी हजार रुपये का बिल आया है।
दूसरी तरफ खबर यह भी है कि उपचुनाव के बाद नेता प्रतिपक्ष शुभेन्दु अधिकारी के नेतृत्व में बिजली बिल बढ़ोतरी को लेकर कोलकाता में एक बड़ा आंदोलन किया जायेगा। इसकी तारीख अभी तय नहीं है। वहीं मंगलवार को महंगाई को लेकर मुख्यमंत्री द्वारा आहुत बैठक में निश्चित तौर पर सीईएससी बिजली बिल बढ़ोतरी को लेकर विस्तृत चर्चा होगी।
वहीं दूसरी तरफ बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने परिवहन विभाग को भी जमकर लताड़ा। उन्होंने कहा कि कालीघाट में जिन जगहों पर ट्राम नहीं चलते वहां बेवजह लाईन बिछी पड़ी है जो कि आये दिन दुर्घटनाओं को दावत दे रही है। उन्होंने कहा कि कोट की वजह से ऐसा मैंने सुना है कि लाईन नहीं हट रही है, लेकिन मुझे लगता है कि परिवहन विभाग के ढीले रवैये की वजह से ट्राम लाईन कोलकाता की सडक़ों से अभी तक नहीं हटा है।
फ्यूल पर्चेज एडस्टमेंट की वजह से बिजली का बिल बढ़ा : सीईएससी
मुख्यमंत्री द्वारा नाराजगी व्यक्त किये जाने के बाद सीईएससी अधिकारियों ने बिजली टैरिफ (बिजली दर) बढऩे से इंकार किया है। उनका कहना है कि पिछले सात सालों से हमलोगों ने बिजली दर में इजाफा क्या ही नहीं है। ताजा टीवी/छपते छपते को सीईएससी के मुख्य प्रवक्ता अभिजीत घोष ने बताया कि जून महीने में जो उपभोक्ताओं को बढ़े हुए बिजली बिल मिले हैं, दरअसल वो केन्द्र सरकार की वजह है। क्योंकि यह फ्यूल पर्चेज एडजस्टमेंट है, यह हर महीने बढ़ते-घटते रहता है। इस बार प्रति सौ रुपये में 5.70 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि बिजली बिल बढ़ोतरी रेगुलेटर कभी भी अनुमति नहीं दे सकता। इसे लेकर पॉवर पर्चेज या बिजली खरीददारी का हिस्सा समझा जाये। सीईएससी प्रवक्ता ने अभिजीत घोष ने दावा किया कि देश की 36 बिजली कंपनियों ने इस बार फ्यूज पर्चेज एडजस्टमेंट के तहत बढ़ा हुआ बिल भेजा है। इसमें सीईएससी का संबंधित दर जो कि प्रति सौ रुपये में 5.70 रुपये बढ़ा है जो कि सबसे कम है।