ममता बनर्जी ने सोमवार को दावा किया कि उन्हें एक मैसेज मिला है, जिसमें अभिषेक बनर्जी को लोकसभा चुनाव से पहले गिरफ्तार करने की धमकी दी गयी है। यह मैसेज किसने किया है, मुख्यमंत्री ने इसे लेकर कोई जानकारी नहीं दी है।
कोलकाता। लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर केन्द्रीय एजेंसी ईडी-सीबीआई बंगाल में मैराथन छापेमारी अभियान चला रही हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार के सिलसिले में सांसद अभिषेक बनर्जी की गिरफ्तारी की आशंका जाहिर की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि केंद्र की भाजपा सरकार के इशारे पर केंद्रीय एजेंसियां अभिषेक बनर्जी को गिरफ्तार करने का हर रास्ता तलाश रही हैं। ऐसा सिर्फ इसलिए किया जा रहा है क्योंकि राजनीतिक विरोध है। ममता बनर्जी ने सोमवार को दावा किया कि उन्हें एक मैसेज मिला है, जिसमें अभिषेक बनर्जी को लोकसभा चुनाव से पहले गिरफ्तार करने की धमकी दी गयी है। यह मैसेज किसने किया है, मुख्यमंत्री ने इसे लेकर कोई जानकारी नहीं दी है।
सोमवार को महानगर में तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद के स्थापना दिवस पर आयोजित सभा को संबोधित करने के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे कल किसी से एक मैसेज मिला, जिसमें कहा गया है कि अभिषेक को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जायेगा, क्योंकि उसके कंप्यूटर से सभी सबूत फिर से प्राप्त कर लिये गये हैं। हां, उन्होंने कंप्यूटर से कुछ फाइलें रिट्रीव की हैं और अपनी फाइलें वहां लगा दी हैं। लेकिन, हम मूर्ख नहीं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने उन फाइलों को प्लांट करने के सभी सबूत भी निकाले हैं, जो कंप्यूटर में नहीं थे। मामले में एक सामान्य डायरी भी दर्ज की गयी है। उन्होंने परोक्ष रूप से पश्चिम बंगाल में स्कूल नौकरी मामले के मुख्य आरोपी सुजय कृष्ण भद्र से जुड़ी एक कॉर्पोरेट इकाई के एक कर्मचारी की कोलकाता पुलिस के साइबर सेल में दायर शिकायत का हवाला दिया। शिकायतकर्ता ने ईडी के अधिकारियों पर पिछले दिनों दक्षिण कोलकाता में उक्त कॉर्पोरेट इकाई पर छापेमारी करते हुए सबूत गढऩे का आरोप लगाया है।
मोदी-माल्या-चौकसी नहीं, मैं बनर्जी हूँ भगोड़ा नहीं: अभिषेक
टीएमसीपी के 25वें वर्षगांठ के अवसर पर तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने जमकर हुंकार भरी है। उन्होंने कहा कि मैं जब चिकित्सा के लिए विदेश यात्रा पर था उस वक्त कुछ मीडिया में यह भी कहा गया है मैं अब लौटूंगा नहीं लेकिन याद रखें कि मेरा नाम मोदी, माल्या या चौकसी नहीं है बल्कि बंदोपाध्याय है । मै केंद्र के सामने आत्मसमर्पण नही करूंगा। अभिषेक ने कहा कि हमने अप्रैल में तृणमूल नव-ज्वार की शुरुआत की और मैं राज्य के सभी जिलों को कवर करने के लिए दो महीने तक सडक़ पर रहा। मैं जहां भी गया, वहां छात्र-युवा समुदाय और टीएमसीपी के जवान हमारे साथ खड़े थे। मैं उनका कृतज्ञ हूँ। हमने ममता बनर्जी के दृष्टिकोण के अनुरूप लोगों की पंचायत का गठन किया।
केन्द्र पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्र की भाजपा सरकार को लगता है कि वे अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर सकते हैं और काल्पनिक रिमोट कंट्रोल का उपयोग करके बंगाल के वाजिब हक को रोक सकते हैं। आने वाले दिनों में लोगों को यह सुनिश्चित करने के लिए ईवीएम बटन का उपयोग करना होगा कि उनकी जमानत जब्त हो जाए। अभिषेक ने कहा कि लोकतंत्र में अंतिम शब्द लोग कहते हैं, नेता नहीं। तृणमूल नव-ज्वार के दौरान बनगांव में लोगों ने हमें रोकने की कोशिश की लेकिन हुआ क्या? केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने मुझे यह कहते हुए ठाकुरबाड़ी में प्रवेश नहीं करने दिया कि मुझे मंदिर में दर्शन के लिए अपॉइंटमेंट लेना चाहिए था। मैंने उस दिन कहा था कि जनता इसका जवाब देगी। जनता ने जवाब दिया और शांतनु ठाकुर, सुब्रत ठाकुर, दिलीप घोष, स्वपन मजूमदार, सुकुमार रे, सुशील बर्मन और बरेन चंद्र बर्मन सहित भाजपा सांसद और विधायक अपने-अपने बूथ हार गए। बंगाल बीजेपी प्रमुख सुकांत मजूमदार अपने गोद लिए गांव में बीजेपी की जीत सुनिश्चित नहीं कर सके। नेता प्रतिपक्ष अपना ही बूथ हार गये। जो लोग अपने बूथ पर जीत सुनिश्चित नहीं कर सकते, वे ममता बनर्जी को हराने का सपना देख रहे हैं। केन्द्रीय एजेंसियों पर हमाल करते हुए अभिषेक ने कहा कि मेरे विदेश से लौटने के एक दिन बाद, ईडी अधिकारियों को मेरे कार्यालयों पर छापा मारने के लिए भेजा गया। छापे के दौरान, उन्होंने 16 फ़ाइलें एक कंप्यूटर पर अपलोड कीं। अब, अगर अगले 7 दिनों के बाद सीबीआई मेरे कार्यालय में जाती है और उन फाइलों को खोजती है, तो दोष मुझ पर मढ़ दिया जाएगा।मीडिया ट्रायल में शामिल लोग या तो कानून की उचित प्रक्रिया में विश्वास नहीं करते हैं या उनके पास इसके लिए धैर्य नहीं है। क्या ये रैगिंग नहीं है। मैं दोहराऊंगा कि अगर मेरे खिलाफ रत्ती भर भी सबूत है तो किसी ईडी-सीबीआई की जरूरत नहीं पड़ेगी। मैं फाँसी के तख्ते तक चलूँगा और फाँसी पर चढ़ जाऊँगा। क्या देश भर में किसी में यह कहने का साहस है? हम ममता बनर्जी के सिपाही हैं और किसी भी धमकी से नहीं डरेंगे।
यादवपुर की घटना का उल्लेख करते हुए अभिषेक ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य भर के छात्रों के लिए एक एंटी-रैगिंग हेल्पलाइन की घोषणा की है।जो लोग छोटी-छोटी बातों पर हाई कोर्ट जाते हैं और बूथों में सीसीटीवी की मांग करते हैं, वे कैंपस में सीसीटीवी का विरोध कर रहे हैं, ये उनकी परंपरा है। उनके पिता कंप्यूटर के ख़िलाफ़ थे और अब वे सीसीटीवी के ख़िलाफ़ हैं। हम सुनिश्चित करेंगे कि सीसीटीवी लगाए जाएं क्योंकि ममता बनर्जी ने वादा किया है कि कोई अन्य छात्र इस तरह अपनी जान नहीं गंवाएगा।