सभी जिला पर्यवेक्षक आवश्यक बल का अवलोकन करेंगे और फोर्स की मांग करेंगे। आयोग को सभी मतदान अधिकारियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेनी होगी।
कोलकाता। कलकत्ता हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव के नामांकन को लेकर किसी प्रकार से हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. हाईकोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग एक स्वायत संस्था है. इस बारे में कोई भी फैसला राज्य चुनाव आयोग ही ले सकता है. कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा कि इस बारे में राज्य चुनाव आयोग के अधिकारी ही फैसला लेंगे. हाईकोर्ट इस बारे में कोई भी हस्तक्षेप नहीं करेगा. राज्य निर्वाचन आयोग ने 8 जुलाई को पंचायत चुनाव की घोषणा की है, लेकिन आयोग ने कहा कि संवेदनशील इलाकों में सेंट्रल फोर्स की तैनाती हो.
आयोग ने सात जिलों को संवेदनशील जिला घोषित किया है.नामांकन जमा करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और कांग्रेस सांसद अधीर चौधरी ने चुनाव की घोषणा होते ही केंद्रीय बलों की तैनाती, नामांकन अवधि बढ़ाने सहित कई मांगों को लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय में केस दायर किया गया था.मामले की सुनवाई आज कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवज्ञानम की खंडपीठ में हुई. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने नामांकन दाखिल करने के लिए समय बढ़ाने के अलावा पंचायत चुनावों के लिए एक वैकल्पिक तारीख का प्रस्ताव दिया था, लेकिन आज फैसले में इस बात का उल्लेख नहीं किया.कलकत्ता उच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग से 18 जून तक नामांकन प्राप्त करने को कहा था. इसके अलावा प्रधान न्यायाधीश की खंडपीठ ने पंचायत चुनाव आठ जुलाई की बजाय 14 जुलाई को कराने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन फैसले में कोर्ट ने कोई हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य के सात जिले संवेदनशील हैं. उन जिलों में केंद्रीय बल तैनात किए जाए. इसके अतिरिक्त जिन जिलों में केंद्रीय वाहिनी की तैनाती नहीं की जाए. उस बारे में राज्य चुनाव आयोग विचार कर फैसला लेगा. कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा कि ऑनलाइन नामांकन जमा करने पर फैसला आयोग लेगा. आयोग ने केंद्रीय बलों को लेकर डीजी और सीएस के साथ बैठक की थी. कोलकाता नगरपालिका चुनाव में हिंसा हुई थी. बमबारी हुई थी. वहां विधाननगर की घटना आयोग के संज्ञान में आई है.कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा कि सिविक पुलिस का इस्तेमाल नहीं किया जाए और मतदान केंद्रों में सीसीटीवी की तैनाती हो, जहां सीसीटीवी तैनात नहीं की जा सके. वहां वीडियोग्राफी कराई जाए.कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा कि संवेदनशील इलाकों में केंद्रीय बलों की मदद ली जाए, जहां परेशानी है वहां बलों के लिए अनुरोध किया जाए. कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि जिन इलाकों में पुलिस सुरक्षा नहीं दे पा रही है. वहां केंद्रीय बल की तैनाती हो. हाईकोर्ट ने कहा कि जिन इलाकों में केंद्रीय वाहिनी की तैनाती नहीं हो. वहां राज्य पुलिस की मदद से चुनाव कर्मियों को की सुरक्षा दी जाए. कलकत्ता हाईकोर्ट ने नौ जून की अधिसूचना को खारिज करने से इनकार कर दिया. राज्य सरकार ने कहा कि उसने दूसरे राज्यों से सशस्त्र फोर्स की मांग की है.
दूसरे राज्यों से 15 बटालियन फोर्स की मांग की गई है. कोर्ट ने राज्य चुनाव को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने का आदेश दिया. बिना किसी हिंसा के शांतिपूर्ण चुनाव होना चाहिए। चुनाव के बाद हुई हिंसा, नगरपालिका चुनाव, हनुमान जयंती और हाईकोर्ट के विभिन्न आदेशों को ध्यान में रखते हुए आयोग को पुलिस के साथ अर्धसैनिक बलों की नियुक्ति का फैसला करना चाहिए. सभी जिला पर्यवेक्षक आवश्यक बल का अवलोकन करेंगे और फोर्स की मांग करेंगे। आयोग को सभी मतदान अधिकारियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेनी होगी।
आईएएस व डब्ल्यूबीसीएस राय पर्यवेक्षक होंगे। अनुबंध कर्मचारियों को केवल चौथे मतदान अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जा सकता है। राज्य सर्कुलर के बाहर सिविक वोलेंटियर द्वारा कोई कार्य नहीं किया जा सकता है। ऑनलाइन नामांकन जमा करने का मामला आयोग तय करेगा। हर जगह सीसीटीवी लगा होना चाहिए। आयोग पुलिस सीसीटीवी का इस्तेमाल करेगा। नामांकन पत्र जमा करने से लेकर मतगणना तक की वीडियोग्राफी कराई जाए।