ईडी सूत्रों ने बताया कि दोनों के बीच आंखों-आंखों में जिस तरह से इशारेबाजी चल रही थी, वैसी दो अनजान लोगों के बीच नहीं हो सकती।
कोलकाता। शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी व उनकी महिला मित्र बताई जा रहीं अर्पिता मुखर्जी को गत मंगलवार को अदालत में वर्चुअली पेश किया गया। पेशी के दौरान वहां लगी एलईडी स्क्रीन पर इन दोनों को आंखों-आंखों में बातचीत करते देखा गया था। अब इसे ईडी सबूत के तौर पर पेश करने की तैयारी कर रही है। गौरतलब है कि पार्थ गिरफ्तारी के बाद से ही दावा करते आ रहे हैं कि वे अर्पिता को नहीं पहचानते हैं, लेकिन वर्चुअल पेशी के दौरान अदालत कक्ष में मौजूद अधिवक्ताओं, पुलिसकर्मियों और मीडिया के लोगों ने दोनों को स्क्रीन पर इशारों-इशारों में बातें करते देखा। पेशी के दौरान दोनों एक-दूसरे को देखकर मुस्कुरा भी रहे थे। इस पर न्यायाधीश की भी नजर पड़ी थी। ईडी इसे पार्थ के दावे को खारिज करने के लिए सबूत बनाएगी। आपको बता दें, पार्थ प्रेसिडेंसी जेल में बंद है, जबकि अर्पिता अलीपुर महिला जेल में कैद है। वर्चुअल पेशी के दौरान वे दोनों कैमरे के माध्यम से एक-दूसरे को देख पा रहे थे।
ईडी सूत्रों ने बताया कि दोनों के बीच आंखों-आंखों में जिस तरह से इशारेबाजी चल रही थी, वैसी दो अनजान लोगों के बीच नहीं हो सकती। इसे अदालत कक्ष में मौजूद सभी ने देखा है। यह पार्थ के दावे को खारिज करने में महत्वपूर्ण सबूत साबित हो सकता है।
गौरतलब है कि पिछले साल जुलाई में अर्पिता के दो फ्लैट से करीब 50 लाख की नगदी, साढ़े चार करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की विदेशी मुद्राएं और बड़ी तादाद में जेवर बरामद हुए थे। गिरफ्तारी के बाद पार्थ ने कहा था कि वे अर्पिता को नहीं पहचानते जबकि अर्पिता ने उसके फ्लैटों से जब्त सारी संपत्ति के पार्थ का होने का दावा किया था।