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द्रौपदी मुर्मू का नागरिक अभिनंदन. संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करें, देश को बचाएं : ममता की राष्ट्रपति से गुहार

नागरिक सम्मान समारोह के अवसर पर राष्ट्रपति के साथ-साथ सीएम ममता बनर्जी और राज्यपाल सीवी आनंद बोस उपस्थित थे। 

27 Mar 2023

द्रौपदी मुर्मू का नागरिक अभिनंदन. संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करें, देश को बचाएं : ममता की राष्ट्रपति से गुहार

कोलकाता। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के स्वागत समारोह में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी खुद ही झूमती नजर आईं। कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में राष्ट्रपति के सम्मान समारोह में बंगाल सरकार की ओर से नागरिक सम्मान का आयोजन किया गया था। नागरिक सम्मान समारोह के अवसर पर राष्ट्रपति के साथ-साथ सीएम ममता बनर्जी और राज्यपाल सीवी आनंद बोस उपस्थित थे। 

इस दौरान ममता बनर्जी ने कहा कि आप संवैधानिक प्रधान हैं। देश के गरीब लोगों और आम लोगों की संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करें और देश को बचाएं.इस दौरान राज्य के मंत्री ने अपने गाने से राष्ट्रपति का स्वागत किया। 

सीएम ने देवी दुर्गा की एक मूर्ति भी राष्ट्रपति को सौंपी। सीएम की मौजूदगी में कार्यक्रम में मौजूद समाज के विशिष्ट जनों ने भी एक-एक कर सम्मान राष्ट्रपति के हाथों में सौंपा। उसके बाद ममता ने संबोधित करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल का मतलब है मानवता। लोग मुझसे कहते हैं कि आप महिला मुख्यमंत्री हैं तो मैं कहती हूं कि नहीं मैं मानव हूं। ममता बनर्जी के बाद राज्यपाल डॉक्टर सी वी आनंद बोस ने संबोधन किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति को बंगाल में पाकर लोग सौभाग्यशाली महसूस कर रहे हैं। 

इसके बाद मुख्यमंत्री कार्यक्रम में मौजूद आदिवासी समुदाय के पास जा पहुंचीं। उन्होंने ढोल बजाए, समुदाय के साथ नृत्य किया और आदिवासी लोक संगीत भी गया। इस दौरान राष्ट्रपति मुर्मू और राज्यपाल लगातार तालियां बजा रहे थे। 

इसके बाद राष्ट्रपति ने संबोधन शुरू किया तो ममता बनर्जी की खूब सराहना की। मुर्मू ने कहा, आज मैं बहुत खुश हूं। मुख्यमंत्री जब जनजातीय लोक कलाकारों के साथ खुद ही ढोल बजा रही थीं, नृत्य कर रही थीं तो मुझे बहुत अच्छा लगा। यह सबको एक सम्मान समझने का संकेत है। सभी को सम्मान देने का संकेत है। सब को एक समान समझकर अपना बना लेंगे का गुण ममता बनर्जी के पास है। यह सभी संस्कृतियों को सम्मान देने का गुण है। यह बहुत बड़ी कला है। इसके लिए ममता का धन्यवाद। आज मैं अभिभूत हूं।

 राष्ट्रपति ने कहा, बांग्ला भाषा मुझे बहुत मीठी लगती है। जब मैं यह भाषा सुनती हूं तो मुझे लगता है कि अपने गांव आ गई हूं। उन्होंने सत्यजीत रॉय, सौरव गांगुली को याद करते हुए कहा कि बंगाल का परिचय आत्म सम्मान और आत्म गौरव के लिए रहा है। केवल 18 साल की उम्र में खुदीराम बोस देश के लिए फांसी पर चढ़ गए। एक बार विदाई दे मां घूरे असी का गाना बंगाल का बच्चा बच्चा गाता है। 
 राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने बंकिम चंद्र चटर्जी, रवींद्रनाथ ठाकुर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस को याद करते हुए कहा कि आज मैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस और गुरुदेव के पैतृक आवास पर गई। इस पर उन्होंने कहा मैं खुद को सौभाग्यशाली समझती हूं। विनय बादल दिनेश को श्रद्धांजलि। इसके बाद उन्होंने एक कविता का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसी मिट्टी कहीं नहीं मिलेगी।

 राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने बंगाल के लोगों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बंगाल के भाई बहनों को शुभकामनाएं। जय जोहार। उल्लेखनीय है कि मंगलवार को राष्ट्रपति को बेलूरमठ जाना है। इसका भी जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मैं उसके लिए पहले से ही उत्साहित हूं।
 

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