पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस हत्या के पीछे राजनीतिक बदला है या कोई और दुश्मनी। इस तृणमूल नेता सैफुद्दीन का उत्थान भी एक परी कथा की तरह है, सैफुद्दीन का जन्म और पालन-पोषण जयनगर के भैंसुर में हुआ था। अपने करियर की शुरुआत में उन्होंने बरुईपुर कोर्ट में क्लर्क के रूप में काम किया।
जयनगर। सोमवार को नमाज अदा करने जा रहे तृणमूल नेता सैफुद्दीन की गोली मारकर हत्या कर दी गयी। इस हत्या के पीछे पांच लोगों का हाथ था। आरोप है कि आपराधिक समूह में शामिल सहाबुद्दीन नाम के एक शख्स को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला। इसके बाद जतुगृह जयनगर में दलुईखांकी गांव बन गया। गांव में एक के बाद एक घरों में आग लगा दी गई। लोगों का आरोप है कि तृणमूल के लोगों ने चुन-चुन कर विपक्षियों के घर जलाये। घर में रखी फसल को नुकसान पहुंचाया। जयनगर में आक्रोशित भीड़ ने तृणमूल नेता की हत्या के आरोपी सहाबुद्दीन को पीट-पीट कर मार डाला।
इस घटना में स्थानीय लोगों से एक और सनसनीखेज जानकारी सामने आई है। यह तृणमूल नेता इलाके की गरीब लड़कियों की शादी में मदद करता था। जब पैसों की कमी के कारण किसी लडक़ी की शादी नहीं हो रही होती थी, तो यह तृणमूल नेता लडक़ी के परिवार के साथ खड़ा होता था और उनकी आर्थिक मदद करता था। यहां तक की, सहाबुद्दीन की बेटी के सामने शादी। इसलिए पिछले मंगलवार को वह सैफुद्दीन के पास मदद मांगने गया। सैफुद्दीन ने सहाबुद्दीन को उसकी बेटी की शादी के लिए 15 हजार टका दिए। जिसके बाद सहाबुद्दीन ने गुस्से में आकर सैफुद्दीन की हत्या कर दी, इसका जवाब पड़ोसी ढूंढ रहे हैं। इस घटना से इलाके में माहौल उग्र हो गया। बताया जा रहा है कि मंगलवार सुबह से ही इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस हत्या के पीछे राजनीतिक बदला है या कोई और दुश्मनी। इस तृणमूल नेता सैफुद्दीन का उत्थान भी एक परी कथा की तरह है, सैफुद्दीन का जन्म और पालन-पोषण जयनगर के भैंसुर में हुआ था। अपने करियर की शुरुआत में उन्होंने बरुईपुर कोर्ट में क्लर्क के रूप में काम किया। सरिफ़ा बीबी लश्कर से शादी। स्थानीय लोगों का कहना है कि इसके बाद सैफुद्दीन की तरक्की बेहतर हुई है। शादी के बाद वह घर छोडक़र ससुराल में रहने लगा। चौकीदारी का काम करने के कारण उसकी पुलिस से अच्छी जान-पहचान है। हालांकि, स्थानीय नेतृत्व का कहना है कि सैफुद्दीन की राजनीति में एंट्री अचानक हुई थी। दरअसल, 2011 में राज्य में राजनीतिक बदलाव के बाद सैफुद्दीन ने तृणमूल नेताओं से नजदीकियां बढ़ानी शुरू कर दीं। कुछ ही दिनों में मुहुरी ने अपनी नौकरी छोड़ दी। इसके बाद वह जयनगर पुलिस स्टेशन में पोस्टमास्टर के तौर पर काम करने लगे। पड़ोसियों का कहना है कि इलाके में सैफुद्दीन का प्रभाव लगातार बढ़ता जा रहा है। धीरे-धीरे सत्ता पक्ष के करीब हो गए। 2018 में सैफुद्दीन को बामनगाची क्षेत्र का तृणमूल अध्यक्ष बनाया गया था। पंचायत चुनाव में पत्नी को मिला टिकट! जीत कर पत्नी पंचायत मुखिया बनीं। तब से पूरे परिवार का व्यवहार बदल गया है।
सैफुद्दीन के एक पड़ोसी के शब्दों में, इलाके में सब कुछ उसके कहने पर होता था। इस बार पत्नी वोट से जीत गईं। इस बार भी पत्नी सेरीफा बामनगाछी ग्राम पंचायत की मुखिया बनीं। मृतक सैफुद्दीन के परिजनों का दावा है, उसके हाथों हर दिन लाखों रुपये का कारोबार होता था। जीवनशैली भी बदल जाती है। सैफुद्दीन अब अपने ससुराल में नहीं रहता था। उन्होंने आकर्षक घर भी बनाए हैं।
हालांकि, सैफुद्दीन का कारोबार वास्तव में क्या है, इसके बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। हालांकि, पुलिस के मुताबिक कारोबारी दुश्मनी के कारण उनकी हत्या की गई है। हत्या की घटना और इस हिंसा के बारे में पुलिस अधीक्षक पलाशचंद्र ढाली ने बताया कि दो बाइक पर कुल चार लोग आए थे। इसके बाद शूटिंग शुरू हुई। पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है। एक व्यक्ति की मौत हो गई।