इसके साथ ही उन्होंने जनजातीय अधिकार रक्षा आयोग के अध्यक्ष को भी यह पत्र भेजा है।
दिनाजपुर। बालूरघाट लोकसभा क्षेत्र के तपन विधानसभा इलाके में चार जनजातीय महिलाओं को जमीन पर रेंगते हुए तृणमूल दफ्तर में जाने को मजबूर करने की घटना को लेकर भाजपा सांसद और प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का ध्यानाकर्षण किया है। उन्होंने इस संबंध में एक पत्र लिखा है जिसमें इस घटना में हस्तक्षेप करने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने जनजातीय अधिकार रक्षा आयोग के अध्यक्ष को भी यह पत्र भेजा है।
मजूमदार ने लिखा है कि हाल ही में मेरे बालूरघाट लोकसभा क्षेत्र के तपन विधानसभा इलाके में 200 जनजातीय समुदाय की महिलाओं ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा था लेकिन तृणमूल कांग्रेस से यह बर्दाश्त नहीं हुआ। स्थानीय पार्टी नेताओं ने जनजातीय समुदाय की महिलाओं को डरा-धमका कर वापस तृणमूल में लौटाया। यहां तक कि महिलाओं को जमीन पर रेंगते हुए तृणमूल दफ्तर जाने को मजबूर किया गया। यह अमानवीय और बर्बर कृत्य है। इस मामले में आपको तत्काल हस्तक्षेप कर यह सुनिश्चित करने का अनुरोध कर रहा हूं कि इस तरह की बर्बरता बंद हो।
अपने पत्र में उन्होंने लिखा है कि अतीत में भी तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने जिस तरह से जनजातीय समुदाय की महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक और नफरत भरे बयान दिए हैं, जो यह उजागर करने वाला है कि राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी का जनजातीय समुदाय के प्रति कैसा रवैया है।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें जनजातीय समुदाय की चार महिलाएं जमीन पर रेंगते हुए तृणमूल दफ्तर पहुंची थीं। सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने इससे पल्ला झाड़ते हुए स्थानीय तृणमूल नेत्री प्रदीप्ता चक्रवर्ती को जिम्मेदार ठहराया था। उन्हें जिला महिला मोर्चा की अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। डैमेज कंट्रोल के लिए स्नेहलता हेंब्रम को तृणमूल महिला मोर्चा का अध्यक्ष बनाया गया है जो जनजातीय समुदाय की हैं।