मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने उन्हें पार्टी का झंडा थमाया है। इसके बाद वायरन ने कहा है कि अपने विधानसभा के लोगों की भलाई के लिए उन्होंने यह फैसला लिया।
कोलकाता। मुर्शिदाबाद के सागरगिघी उपचुनाव में जीत दर्ज करने वाले माकपा-कांग्रेस गठबंधन के एकमात्र विधायक वायरन विश्वास ने सोमवार को कांग्रेस छोड़कर तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने उन्हें पार्टी का झंडा थमाया है। इसके बाद वायरन ने कहा है कि अपने विधानसभा के लोगों की भलाई के लिए उन्होंने यह फैसला लिया।
सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में सागरदिघी विधायक विश्वास ने कहा कि उनकी जीत में कांग्रेस की कोई भूमिका नहीं है। उनका दावा है कि वे वास्तव में तृणमूल के ही व्यक्ति हैं और उसके समर्थन के बिना इतने वोट से नहीं जीत पाते। उन्होंने कहा, "मैं हमेशा तृणमूल के लिए काम करता रहा हूं। मैं कांग्रेस में इसलिए गया क्योंकि मुझे टिकट नहीं मिला।'
गौरतलब हो कि सागरदिघी सीट पर 27 फरवरी को उपचुनाव हुआ था। उस दौरान माकपा-कांग्रेस के संयुक्त उम्मीदवार वायरन ने तृणमूल उम्मीदवार को मात दी थी।