जीएसटी इंटेलिजेंस का दावा 5000 करोड़ से अधिक का है फर्जीवाड़ा
कोलकाता। दो जुड़वा भाईयों ने मिलकर सरकार को ऐसा चुना लगाया कि सरकार जो जब इसकी भनक लगी तो अधिकारी दंग रह गये। दोनों भाईयों ने मिलकर करीब 5000 करोड़ की टैक्स चोरी कर अपना सामराज्य स्थापित कर लिया। टैक्स चोरी के लिए शेल कंपनियां बनाने वाले जुड़वा भाईयों को साल्टलेक से गिरफ्तार किया गया है। इनके नाम अमित गुप्ता एवं सुमित गुप्ता हैं। दोनों कोलकाता के साल्ट लेक इलाके में रहते थे। सीबीडीटी के अधीन काम करने वाली जीएसटी इंटेलिजेंस की टीम ने इन्हें उनके आवास से धर दबोचा है। टैक्स चोरी के आरोपी को जमशेदपुर की टीम ने गिरफ्तार किया है।
बताया जा रहा है कि इसने 3,000 करोड़ रुपए का ट्रांजैक्शन किया है। अब तक 300 करोड़ के फर्जीवाड़ा की पुष्टि हो चुकी है। जांच कर रहे अधिकारियों ने बताया कि 522 करोड़ रुपए का घोटाला अब तक पकड़ा जा चुका है। यह 5,000 करोड़ रुपए का स्कैम हो सकता है। अधिकारी ने बताया कि शिवकुमार देवड़ा केस की जांच के दौरान इसके तार मिले थे। इसके बाद से ही इन दोनों भाइयों की तलाश विभाग को थी। ये लोग लगातार छिपते फिर रहे थे। लेकिन, अंतत: अधिकारियों को इस बात का पता चला कि दोनों भाई कोलकाता के साल्टलेक स्थित अपने आवास में छिपे हैं। इसके बाद एक टीम ने इनकी गिरफ्तारी की कोशिश शुरू की। कई दिनों से इंटेलिजेंस की टीम कोलकाता में डेरा डाले हुए थी। जैसे ही पक्की सूचना मिली, दोनों को उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया गया। एक भाई को मकान के 9वें तल्ले से गिरफ्तार किया गया, जबकि दूसरे को उसी मकान के चौथे तल्ले से।
अधिकारी ने बताया कि दोनों भाईयों ने कोलकाता में शेल कंपनियां खोलकर सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान पहुंचाया है। इनके तार बंगाल के बाहर झारखंड, बिहार, तेलंगाना, महाराष्ट्र, तमिलनाडु समेत कई अन्य जिलों में फैले हैं। यहां तक कि इनका कनेक्शन चीन तक है।
अधिकारियों ने बताया कि अमित गुप्ता और सुमित गुप्ता अब चीन भागने की तैयारी कर रहे थे। इससे पहले ही इंटेलिजेंस की टीम ने इन्हें धर दबोचा। कोलकाता के अलग-अलग इलाकों न्यू टाउन, हावड़ा, राजारहाट, साल्टलेक में भी इन्होंने अच्छी-खासी प्रॉपर्टी बना रखी है। ज्ञात हो कि कोलकाता से ही पिछले दिनों जीएसटी इंटेलिजेंस की टीम ने शिवकुमार देवड़ा को गिरफ्तार किया था। उस पर आरोप था कि उसने फर्जी कंपनी बनाकर उसमें फर्जी डायरेक्टर नियुक्त किए और 131 करोड़ रुपए के टैक्स की चोरी की।