अभिषेक बनर्जी ने कहा कि जानबूझकर पुण्य मंदिर में राजनीति करने की कोशिश की जा रही है। शांतनु ठाकुर मतुआ समाज के लोगों को विगत कई वर्षों से लगातार ठगने की कोशिश कर रहे हैं।
उत्तर 24 परगना। तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी नवज्वार यात्रा के 46 वे दिन जब उत्तर 24 परगना के ठाकुरनगर के मुख्य पुण्य ठाकुर मंदिर श्री हरिचंद जी महाराज का दर्शन करने पहुंचे तो वहां पहले से ही ताला लटका हुआ था। इसका आरोप स्थानीय सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री सह मतुआ महासंघ के अध्यक्ष शांतनु ठाकुर पर लगा।आरोप है कि शांतनु ठाकुर के नेतृत्व में मुख्य मंदिर का ताला लगाकर पूजा करने में बाधा पहुंचाई गई। बाद में काफी विवादों के बीच अभिषेक बनर्जी ने बगल के श्री गुरुचंद्र ठाकुर जी महाराज मंदिर में जा कर पूजा अर्चना की। उन्होंने केंद्रीय राज्यमंत्री शान्तनु ठाकुर पर मतुआ समाज के लोगों को ठगने और गुमराह करने का आरोप लगाया। अभिषेक बनर्जी ने कहा कि जानबूझकर पुण्य मंदिर में राजनीति करने की कोशिश की जा रही है। शांतनु ठाकुर मतुआ समाज के लोगों को विगत कई वर्षों से लगातार ठगने की कोशिश कर रहे हैं। वे जिस घर में रहते हैं उस घर के पानी का नल भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लगवाया है क्या वे उस नल को उखाड़ कर फेंक देंगे।
अभिषेक ने कहा कि शान्तनु जहाँ रहते हैं उस घर के सामने की सडक़ भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बनवाई है क्या वे उस सडक़ पर चलना बंद कर देंगे। नवज्वार यात्रा का कोई भी राजनीतिक कार्यक्रम ठाकुरनगर के मंदिर प्रांगण में नहीं था।यहां सिर्फ भगवान दर्शन करने की योजना थी लेकिन जब मैं यहां पहुंचा तो देखा कि 300 की संख्या में कुछ लोग जानबूझकर मंदिर को घेरे हुए हैं और मुझे काला पताका दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। वह भूल गए हैं कि मेरे पास 5000 लोग हैं ।अगर मैं चाहूं तो बलपूर्वक दर्शन कर सकता हूं। लेकिन मैं यहां राजनीति करने या अपनी ताकत दिखाने नहीं आया। मैं मतुआ समाज के लोगों का बहुत ज्यादा इज्जत करता हूं। बड़ोंमां का आशीर्वाद हमेशा से तृणमूल और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर रहा है।
उन्होंने कहा कि शांतनु ठाकुर ने साजिश के तहत इस काम को अंजाम दिया है। इसका जवाब आने वाले समय में जनता देगी। अभिषेक बनर्जी ने कहा कि हम लोग जनता के दरवाजे खटखटाते हैं लेकिन बात बात पर भाजपा और शांतनु ठाकुर जैसे लोग कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हैं क्योंकि उन्हें जनता पर भरोसा नहीं है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आने वाले समय में मतुआ समाज के लोग गुमराह और ठगा हुआ महसूस करते हुए इस बार तृणमूल पर अपना भरोसा जताएंगे और भाजपा को यहां से उखाड़ कर बाहर फेंक देंगे। अभिषेक बनर्जी के साथ उत्तर 24 परगना के तृणमूल अध्यक्ष तापस रॉय, मंत्री सुजीत बोस भी मौजूद थे। अभिषेक बनर्जी ने कहा कि गुरुचंद ठाकुर और हरिचंद ठाकुर जी का आशीर्वाद हमेशा से हम लोगों पर रहा है। उनके आशीर्वाद से ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तीसरी बार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनी है। आगे भी लड़ाई बहुत लंबी है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि यहां के लोग ममता पर विश्वास जताते हुए भाजपा को खदेड़ेगे।
अभिषेक ने कहा कि मंदिर किसी की बपौती नहीं है यहां कोई भी आकर दर्शन कर सकता है। सभी को समान रूप से दर्शन कर प्रार्थना करने का पूरा अधिकार है। आज नवज्वार यात्रा के 46 वे दिन मैंने यहीं से दर्शन करने के बाद अपनी राजनीतिक कर्मसूची शुरू करने का फैसला किया था। इस प्रांगण में कोई भी राजनीतिक कार्यक्रम नहीं था। राजनीतिक कार्यक्रम यहां से 20 किलोमीटर दूर हाबरा के अशोकनगर में था लेकिन जब मैं यहां पहुंचा तो देखा कि 300 लोगों ने मंदिर को घेरे रखा है मुझे मंदिर के भीतर प्रवेश करने नहीं दिया जा रहा मैं चाहता तो बलपूर्वक चले जाता मैंने हमेशा से ही मत व समाज के लोगों को इज्जत दी है और उन लोगों ने भी अपना आशीर्वाद मेरे माथे पर रखा है। मैं चाहूंगा कि आने वाले समय में उसी तरह से उनका आशीर्वाद बना रहे लेकिन साथ में मैं यही कहना चाहता हूं कि यहां के स्थानीय सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर मतुआ समाज के लोगों को भ्रमित करते हुए प्रतिदिन साजिश और राजनीतिक परिदृश्य से उनका इस्तेमाल कर रहे हैं।
और आज उसका उदाहरण देखा गया। उन्होंने कहा कि मुझे पता चला है कि शान्तनु ठाकुर के सुरक्षा अधिकारियों ने जूता पहनकर मंदिर में प्रवेश किया जो की पूरी तरह से धर्म के विरुद्ध है। उसने कहा कि मुझे अभी पता चला है कि महिलाओं और साधुओं पर भी हमले किए गए हैं। मैं उसकी जांच चाहूंगा। आने वाले समय में इसका जवाब जनता देगी लेकिन फिर भी आज मैं ठाकुर जी को स्मरण करते हुए इस प्रांगण से जा रहा हूं । मैं बहुत जल्दी आऊंगा और विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करूंगा क्योंकि मेरे मन में कोई द्वेष नहीं है।मैंने कभी भी मंदिर को और धर्म को राजनीतिक रूप से इस्तेमाल नहीं किया लेकिन उन लोगों को भी इसका परस्पर जवाब मिलेगा जो मंदिर और धर्म का राजनीतिकरण कर रहे हैं।