हावड़ा, उत्तर 24 परगना (हि. स.) हाल फिलहाल में उत्तर 24 परगना और कोलकाता में बड़ी मात्रा में नकली दवाइयां जब्त की गई, जब्ती के बाद पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग
हावड़ा, उत्तर 24 परगना (हि. स.) हाल फिलहाल में उत्तर 24 परगना और कोलकाता में बड़ी मात्रा में नकली दवाइयां जब्त की गई, जब्ती के बाद पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत औषधि नियंत्रण निदेशालय के द्वारा थोक व्यापारियों के लिए एक परामर्श जारी किया गया है।
यह परामर्श दवाइयां की खरीद को प्रमाणिकता को बनाने के लिए किया गया है ।थोक विक्रेताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे जिन दवाइयों को खरीद रहे हैं, वे मूल कंपनी के चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट से शुरू होकर उचित वितरण चैनलों से खरीदी गई हों तथा थोक विक्रेताओं को दवा बेचने वाले विक्रेताओं के लाइसेंस की वैधता को विभिन्न राज्यों की ऑनलाइन लाइसेंस पोर्टल पर जांचना होगा और राज्य के बाहर के वितरकों के लिए इसकी जानकारी पश्चिम बंगाल ड्रग कंट्रोल विभाग को भेजनी होगी इसके साथ ही राज्य के बाहर स्थित थोक विक्रेताओं को भुगतान करते समय यह जांचना जरूरी है कि बैंक खाता संबंधित लाइसेंसधारी फर्म के नाम पर ही हो।
थोक विक्रेताओं को अनिवार्य रूप से जीएसटी नंबर की जांच करनी होगी और यह सुनिश्चित करना होगा कि संबंधित फर्म जीएसटी क्रेडिट ले रही है और सभी थोक विक्रेताओं को अनिवार्य रूप से उन 300 दवाओं के QR कोड की जांच करनी होगी, जो शेड्यूल H-2 में शामिल हैं। नियमों के अनुसार, इन दवाओं पर बारकोड या QR कोड लगाना अनिवार्य है।सभी खुदरा विक्रेताओं को भी इन 300 शेड्यूल H-2 दवाओं के QR कोड की जांच थोक विक्रेताओं से खरीदने से पहले अनिवार्य रूप से करनी होगी।
अप्रैल में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने विभिन्न दवाइयों का राष्ट्रीय स्तर पर सैंपल टेस्ट किया था, जिसमें 196 दवाइयां गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतरीं।हाल में ही छापेमारी में टीटागढ़, मालदा, उत्तर 24 परगना के कई स्थानों में भारी मात्रा में नकली और घटिया किस्म की दवाइयां पकड़ी गई। अधिकारियों का मानना है कि नकली दवा की जड़ें बिहार और उत्तर प्रदेश से जुड़ी हो सकती है।