एनकाउंटर में मारा गया सज्जाद
कोलकाता। उत्तर दिनाजपुर जिले के पांजीपाड़ा में पुलिस पर गोली चलाने के मामले के आरोपित और कुख्यात अपराधी सज्जाद आलम को मार गिराया गया है। यह घटना चोपड़ा के भारत-बांग्लादेश सीमा के नजदीक हुई है। हालांकि पुलिस की तरफ से अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन स्थानीय लोगों के अनुसार यह एनकाउंटर जैसा मामला है। दो दिन पहले ही कोर्ट में पेशी के दौरान सज्जाद कैदी वैन से भागने में सफल रहा था। उसने पुलिस पर गोली भी चलाई थी, जिसमें एक सिपाही और एसआइ घायल हो गए थे। इस घटना के बाद ही बंगाल पुलिस के डीजीपी ने कहा था कि यदि अपराधी एक गोली चलाएंगे तो हम चार चलाएंगे।
अधिकारी ने बताया कि किचकतला इलाके में उसके छिपे होने की सूचना मिलने पर हमने वहां छापा मारा। उस समय आरोपी ने पुलिसकर्मियों पर गोलीबारी शुरू कर दी और हमारी टीम ने जवाबी कार्रवाई की। आलम घायल हो गया। उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। इससे पहले उत्तर दिनाजपुर के रायगंज में बुधवार को दो पुलिसकर्मी घायल हो गए थे, जब आलम और दूसरे विचाराधीन कैदी ने कथित तौर पर उन पर हमला कर दिया था। दोनों ने पुलिसवालों की सर्विस रिवॉल्वर छीन ली और भागने से पहले उन पर गोली चला दी। यह घटना उस समय हुई जब पुलिसकर्मियों की निगरानी में कैदियों को इस्लामपुर की एक अदालत से जेल वैन में रायगंज के केंद्रीय सुधार गृह ले जाया जा रहा था। अधिकारी ने कहा कि 15 जनवरी की घटना का मुख्य आरोपी बांग्लादेश भागने की कोशिश कर रहा था। हम उन लोगों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं जो उसकी मदद कर रहे थे।
आलम उत्तर दिनाजपुर जिले के करंदीघी में 2019 में हुई हत्या के एक मामले में भी मुख्य आरोपी था। ममता बनर्जी के शासन में किसी अपराधी को एनकाउंटर कर मार गिराने का यह पहला मामला है। अपराधियों को एनकाउंटर करने को लेकर उत्तर प्रदेश पिछले कुछ सालों से ज्यादा चर्चे में रहा। मगर अब बाकी राज्यों में भी इस तरह के मामले सामने आने लगे हैं। पश्चिम बंगाल में यह इस तरह का पहला केस है। ममता बनर्जी पिछले 14 साल से बंगाल में शासन कर रही हैं।
सज्जाक आलम हत्या के एक मामले में न्यायिक हिरासत में था। बुधवार को उसे उत्तर दिनाजपुर के गोआलपोखर की अदालत में पेश किया गया था, जहां से जेल लौटते समय उसने दो पुलिसकर्मियों पर गोली चला दी और फरार हो गया। इस घटना के बाद पूरे बंगाल में हड़कंप मच गया था। सवाल यह भी उठे कि न्यायालय परिसर में सज्जाक के पास हथियार कहां से आया? इस मामले को लेकर राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजी) राजीव कुमार ने सख्त रुख अपनाया था। उन्होंने घायल पुलिसकर्मियों से मिलने के बाद चेतावनी देते हुए कहा था, अगर कोई पुलिस पर गोली चलाएगा तो हम चार गोलियां चलाएंगे।
सज्जाक आलम के फरार होने के बाद पुलिस ने उसकी सूचना देने वाले को दो लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। पुलिस उसकी तलाश में लगातार दबिश दे रही थी। जांच के दौरान यह भी पता चला कि उसके भागने में अब्दुल नाम का एक अन्य शख्स मदद कर रहा था, जिसकी तलाश अभी भी जारी है।
बंगाल पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर उत्तर दिनाजपुर पुलिस की एक टीम शनिवार तड़के चोपड़ा सीमा पर पहुंची। पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने की कोशिश की, लेकिन उसने फिर भागने की कोशिश की। इसी दौरान पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में गोली चलाई, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। इलाज के दौरान अस्पताल में उसकी मौत हो गई। पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है, वहीं फरार आरोपित अब्दुल की तलाश भी तेज कर दी गई है।