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राज्य सरकार की टेबलेट योजना में बड़ा घोटाला, 15 जिलों के 1350 छात्र हुए शिकार

हाल के दिनों में राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगातार बढ़ते जा रहे हैं

15 Nov 2024

राज्य सरकार की टेबलेट योजना में बड़ा घोटाला, 15 जिलों के 1350 छात्र हुए शिकार

हाल के दिनों में राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगातार बढ़ते जा रहे हैं। अब राज्य की टेबलेट वितरण योजना में साइबर अपराधियों द्वारा घोटाला किए जाने का मामला सामने आया है। इस घोटाले की चपेट में राज्य के 15 जिलों के 1352 छात्रों के नाम सामने आ चुके हैं। इस कांड का खुलासा होते ही कोलकाता में कई शिकायतें दर्ज हुई हैं। पुलिस की जांच के अनुसार, इस घोटाले का केंद्र उत्तरी दिनाजपुर के चोपड़ा और आसपास के क्षेत्र बताए जा रहे हैं। अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, और जांच में यह पता चला है कि यह पूरा घोटाला केवल एक व्यक्ति के इशारे पर संचालित हो रहा था।

शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने बताया कि इस घोटाले को रोकने के लिए नेशनल इनफॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) ने जांच कर एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) प्रस्तुत की है। मंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि जैसे माध्यमिक-उच्च माध्यमिक परीक्षाओं में प्रश्नपत्र बाहर आने पर काबू पाया गया, वैसे ही इस घोटाले का भी समाधान जल्द किया जाएगा। राज्य सरकार ने ‘तरुणेर सपनो’ (युवाओं का स्वप्न) योजना के तहत 11वीं और 12वीं के छात्रों को टेबलेट खरीदने के लिए प्रति छात्र 10 हजार रुपये देने का निर्णय किया था। यह योजना मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 2021 में शुरू की थी।

शुरुआत में यह सुविधा केवल 12वीं के छात्रों को दी जाती थी, लेकिन इस साल 11वीं के छात्रों को भी यह राशि दी जाने लगी। योजना के अनुसार, छात्रों के बैंक खाते में यह राशि स्कूलों द्वारा छात्रों के विवरण देने के बाद जमा होनी थी। इस वर्ष कई छात्रों के बैंक खातों में यह राशि जमा नहीं हुई, बल्कि साइबर अपराधियों द्वारा दूसरे खातों में पहुंचा दी गई। घोटाले की सबसे पहली शिकायत पूर्व बर्दवान जिले से आई थी। अब यह मामला 15 जिलों के 194 स्कूलों तक फैल चुका है।

राज्य पुलिस के अनुसार, 781 छात्रों की जानकारी सीधे तौर पर मिल चुकी है जिनके खाते में टेबलेट की राशि नहीं पहुंची है। आंकड़ों के अनुसार, कुल 1352 छात्रों के खाते में यह राशि अब तक नहीं डाली गई है। सबसे अधिक परेशानियों का सामना दक्षिण 24 परगना के छात्रों को करना पड़ा है, जहां 49 स्कूलों के 350 छात्रों के खातों में राशि नहीं पहुंची। वहीं, पूर्व मेदिनीपुर के 38 स्कूलों के 240 छात्रों और कोलकाता के नौ स्कूलों के 107 छात्रों के भी खाते प्रभावित हुए हैं।

कोलकाता पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि जिन खातों में यह राशि जमा हुई, वे सभी फर्जी नामों पर खोले गए थे। इन खातों को 300 रुपये से लेकर पांच हजार रुपये तक की राशि पर किराए पर लिया गया था और पैसे जमा होने के तुरंत बाद उन खातों से राशि निकाल ली गई। यह भी सामने आया कि कुछ खातों को ब्लॉक या ‘फ्रीज’ कर दिया गया था ताकि अपराधी जल्द से जल्द राशि निकाल सकें।

इस घोटाले के तार उत्तर बंगाल के चोपड़ा से जुड़ रहे हैं, जहां से अब तक चार आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें से एक आरोपित स्थानीय तृणमूल नेता का बेटा बताया जा रहा है। इसके अलावा, पुलिस अन्य छह फरार आरोपितों की तलाश कर रही है। कोलकाता पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है, वहीं मालदा जिला पुलिस भी अपनी एसआईटी के जरिए इस घोटाले की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।

राज्य प्रशासन का मानना है कि टेबलेट योजना का घोटाला अभी और जिलों में सामने आ सकता है। फिलहाल जिन 15 जिलों में यह घोटाला सामने आया है, वहां के प्रशासनिक अधिकारी जांच में जुटे हुए हैं।

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