बंगाल विधानसभा में हंगामा, स्पीकर के निर्देश पर दो भाजपा विधायकों को मार्शल ने सदन से बाहर निकाला
कोलकाता। बंगाल विधानसभा में सोमवार को बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन अनुपूरक बजट प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सदन के भीतर हंगामा और असंसदीय आचरण करने के आरोप में विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) बिमान बनर्जी के आदेश पर मार्शल ने विपक्षी भाजपा के दो विधायकों शंकर घोष और मनोज उरांव को सदन से बाहर कर दिया। साथ ही सदन के अंदर कागज फाड़कर फेंकने और नारेबाजी के लिए उत्तर बंगाल के फालाकाटा से भाजपा विधायक दीपक बर्मन को 30 दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है। स्पीकर के इस कदम के खिलाफ नाराज भाजपा विधायकों ने जमकर नारेबाजी करते हुए सदन से वाकआउट किया। घटना की शुरुआत दूसरे हाफ में अनुपूरक बजट मांग प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान हुई।
आरोप है कि भाजपा विधायक हिरणमय चटर्जी जब प्रस्ताव पर चर्चा में बोल रहे थे तो उन्होंने अध्यक्ष को कानून सिखाने संबंधी कथित तौर पर कुछ असंसदीय शब्द का इस्तेमाल किया, जिससे नाराज स्पीकर ने उन्हें सतर्क करते हुए उनका माइक बंद करा दिया। इसपर विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक शंकर घोष और विधायक मनोज उरांव ने आपत्ति जताई और नारेबाजी करने लगे। स्पीकर ने पहले दोनों विधायकों को सतर्क किया और जब उन्होंने बात नहीं मानी तो उन्होंने मार्शल को आदेश दिया कि वे भाजपा विधायक शंकर घोष और मनोज उरांव को सदन से बाहर ले जाएं। इस बीच मार्शल ने पास आकर दोनों विधायकों को बाहर जाने को कहा। तभी सभी भाजपा विधायकों ने स्पीकर के इस निर्देश का विरोध जताते हुए हंगामा शुरू कर दिया और जमकर नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर निकल गए। विधानसभा के बाहर भी भाजपा विधायकों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
भाजपा विधायक मनोज उरांव ने कहा कि जिस प्रकार से मुझे और शंकर घोष को धक्के देकर मार्शल ने सदन से बाहर निकाला है यह स्पीकर की मनमानी का साक्षात प्रमाण है। वहीं, बाद में भाजपा विधायकों के समर्थन में विधानसभा के बाहर पहुंचे नेता प्रतिपक्ष शुभेंदुु अधिकारी ने कहा कि जिन विधायकों को मार्शल ने धक्के देकर बाहर निकाला, यह राजवंशी समाज का अपमान है और इसका बदला जनता लेगी।
मालूम हो कि शुभेंदु अधिकारी सहित चार भाजपा विधायक पहले से ही पूरे बजट सत्र से निलंबित चल रहे हैं। आज एक और भाजपा विधायक दीपक बर्मन को भी निलंबित कर दिया गया। वहीं, शंकर घोष ने आरोप लगाया कि विधानसभा के भीतर विपक्षी भाजपा विधायकों को बोलते नहीं दिया जाता। जिस प्रकार से हिरणमय चटर्जी का माइक बंद कर दिया गया, यह मनमानी और कहीं ना कहीं संवैधानिक संरचनाओं पर ठेस है। उन्होंने आरोप लगाया कि स्पीकर बिमान बनर्जी पक्षपात पूर्ण तरीके से काम कर रहे हैं।