CCTV footage captures victim being forcibly dragged in the Kasba college gangrape case
जॉन बार्ला पिछले लोकसभा चुनाव में टिकट न मिलने के बाद से ही भाजपा से नाराज़ चल रहे थे। पार्टी से दूरी बढ़ने के साथ उनके तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें तेज़ हो गई थीं।
कोलकाता। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उत्तर बंगाल दौरे से ऐन पहले पश्चिम बंगाल की राजनीति में बड़ा सियासी उलटफेर हुआ है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और अलीपुरद्वार के पूर्व सांसद जॉन बार्ला ने गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया। कोलकाता स्थित तृणमूल भवन में उन्होंने पार्टी का झंडा थामा। इस दौरान तृणमूल के राज्य अध्यक्ष सुब्रत बख्शी और मंत्री अरूप विश्वास भी मौजूद रहे।
जॉन बार्ला पिछले लोकसभा चुनाव में टिकट न मिलने के बाद से ही भाजपा से नाराज़ चल रहे थे। पार्टी से दूरी बढ़ने के साथ उनके तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें तेज़ हो गई थीं। हालांकि उन्होंने दिल्ली जाकर भाजपा नेतृत्व से मुलाकात कर संभावनाएं टटोलने की कोशिश भी की लेकिन बात नहीं बनी। इसके बाद वे कुछ समय तक राजनीति से दूरी बनाए रहे।
जॉन बार्ला का यह कदम आगामी 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले उत्तर बंगाल की सियासत में बड़ा असर डाल सकता है। जानकारों का मानना है कि आदिवासी समुदाय में प्रभाव रखने वाले बार्ला की वापसी से तृणमूल कांग्रेस को इस क्षेत्र में मज़बूती मिल सकती है।