दमकल विभाग के देर से पहुंचने को लेकर लोगों में गुस्सा था और उन्होंने मंत्री के मौके पर पहुंचने पर विरोध भी जताया
कोलकाता। खिदिरपुर के ऑर्फनगंज बाजार में भीषण आग लगने की घटना को लेकर उठे सवालों पर पश्चिम बंगाल के अग्निशमन मंत्री सुजीत बोस ने स्पष्ट जवाब दिया है। स्थानीय व्यापारियों द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए मंगलवार को उन्होंने कहा कि ना तो पानी की कोई कमी थी और ना ही पंप में ईंधन की। उन्होंने यह भी जोड़ा कि दमकल विभाग ने समय पर प्रतिक्रिया दी और आग पर काबू पाने के लिए हरसंभव प्रयास किया।
स्थानीय व्यापारियों का दावा था कि आग लगने के दो से तीन घंटे बाद दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। लेकिन मंत्री सुजीत बोस ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि रात 2:05 मिनट पर हमें फोन आया और तुरंत तीन गाड़ियां भेजी गईं। उसके बाद और 20 गाड़ियां मौके पर रवाना की गईं।
उन्होंने आगे कहा कि आग बुझाने में पानी की कमी और पंप में ईंधन न होने जैसे आरोप भी तथ्यहीन हैं। उन्होंने कहा कि पानी और ईंधन दोनों उपलब्ध थे। शुरुआत में पंप से पानी निकालते समय कुछ पॉलिथिन जैसी चीजें आ रही थीं, जिससे रुकावट हुई, लेकिन बाद में सब सामान्य हो गया।
मंत्री बोस ने कहा कि जिस तरह सेना के जवान देश सेवा में जोखिम उठाते हैं, उसी तरह दमकलकर्मी भी अपनी जान जोखिम में डालकर आग बुझाने का काम करते हैं। उन्हें कमतर आंकना ठीक नहीं।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि घटना के तुरंत बाद कोलकाता नगर निगम के मेयर फिरहाद हकीम और वे स्वयं सुबह छह बजे से पहले मौके पर पहुंच गए थे। राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी पहुंचे। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी दोपहर में घटनास्थल पर पहुंचीं और स्थिति का जायजा लिया।
वहीं, दूसरी ओर विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने घटनास्थल का दौरा कर इसे 'मानव-जनित साजिश' बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह पूरी घटना राज्य सरकार की विफलता का परिणाम है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खिदिरपुर का दौरा कर पीड़ित व्यापारियों से मुलाकात की थी और मुआवजे की घोषणा की। जिन व्यापारियों की दुकानें पूरी तरह जल गई हैं, उन्हें एक लाख और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त दुकानों के लिए 50 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। इसके अलावा, राज्य सरकार नए बाजार के निर्माण की भी व्यवस्था करेगी।
रविवार देर रात ऑर्फनगंज बाजार की कुछ दुकानों में अचानक भीषण आग लग गई थी। देखते ही देखते आग ने कई दुकानों को अपनी चपेट में ले लिया। काले धुएं और आग की लपटों को देख स्थानीय निवासी सबसे पहले आग बुझाने में जुटे। उनका आरोप है कि अधिकतर दुकानों में बड़ी मात्रा में ज्वलनशील सामग्री संग्रहित थी, जिससे आग तेजी से फैली। दमकल विभाग के देर से पहुंचने को लेकर लोगों में गुस्सा था और उन्होंने मंत्री के मौके पर पहुंचने पर विरोध भी जताया।