यह एक मात्र ऐसी पूजा है जो बिना किसी पण्डित के सानिध्य में होती है
कोलकाता। दीपावली बीतने के साथ साथ अब आस्था के चार दिवसीय महापर्व छठ की इस बार 5 नवंबर से शुरुआत होगी. जिसे लेकर महानगर कोलकाता के गंगा घाटों की साफ सफाई शुरू कर दी गई है. इसके तहत एक ओर जहां नूतन बाजार के साथ साथ मछूआ, मानिकतल्ला मार्केट, श्रीमणी बाजार के अलावा कोलकाता के विभिन्न बाजारों में कलसूप और डाला आदि सामान की बिक्री शुरू हो गई साथ साथ कई बाजारों में मिट्टी के चूल्हे सज चुके हैं।
वहीं दूसरी तरफ महापर्व मनाने के लिए प्रवासियों के अपने गृह प्रदेश जाने का सिलसिला शुरू हो गया। कोलकाता में रहने वाले प्रवासी बिहारी अब घर लौटने की कोशिश में जुटे हुए है। तत्काल कोटे की टिकट लेने आरक्षण काउंटर आये निजी प्रतिष्ठान में कार्यरत सुरेन्द्र राय ने कहा कि काफी पहले से 4 नवम्बर की टिकट बनी हुई है लेकिन, वेटिंग लिस्ट होने के कारण पहले तत्काल कोटे में टिकट लेने की कोशिश कर रहा हूं। यदि कन्फर्म टिकट मिल गई तो पहले रवाना हो जाऊंगा ताकि परिवार के साथ छठ की तैयारी कर सकू। ट्रेनें फूल हैं तो इसका फायदा एयरलाइंस कंपनियां भी उठाने लगी है। कोलकाता से दरभंगा की फ्लाईट के लिये यात्रियों से 14,470 रूपये वसुले जा रहे हैं जबकि कोलकाता से पटना के लिये 7,172 रुपये वसुले जा रहे है।
हावड़ा स्टेशन पर टिकट की लाइन में खड़े राजेश चौरसिया ने बताया कि अगर टिकट नहीं मिलता हैं तो जनरल डिब्बे में ही यहां से बिहार तक का सफर तय करेंगे क्योंकि हम पान बेच कर रोजगार करते हैं ऐसे में हवाई यात्रा करना हमारे लिये संभव नहीं हैं। छठ पर्व में ढलते और उदय होते सूर्य को अघ्र्य देने का विधान है। पर्व की पूजा करने वाले व्रतधारी विभिन्न घाटों पर परिवार और परिचितों सहित पहुंचते हैं। संभावित भीड़ को देखते हुए प्रशासन भी चाक चौबंद व्यवस्था रखने के लिए सक्रिय है। नार्थ पोर्ट थानांतर्गत आने वाले निमतल्ला घाट आउट पोस्ट के आईसी अहिंद्रनाथ मिश्रा ने बताया कि छठ पूजा करने केवल निमतल्ला घाट पर 10 से 15 हजार श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। इस अवसर पर व्रतधारियों की सुरक्षा और सुविधा दोनों का ख्याल रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल के अलावा हर समय आपदा प्रबंधन समूह के लोग भी मौजूद रहेंगे।
वार्ड 22 की पार्षद मीनादेवी पुरोहित ने कहा कि जगन्नाथ घाट पर छठ में तकरीबन 25 से 30 हजार श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इसके पहले घाट तथा सम्बंधित मार्गो पर साफ सफाई और ब्लीचिंग पाउडर छिडक़ाव का कार्य होगा। दो दिन के इस पर्व को मुख्य रूप से बिहार, झारखंड तथा उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में मनाया जाता है। इसे राजस्थान और पंजाब के भी कई लोग मनाते हैं। शुद्धता और आस्था का प्रतीक माना जाने वाला छठ पर्व सबसे कठिन व्रत में से एक होता है। यह एक मात्र ऐसी पूजा है जो बिना किसी पण्डित के सानिध्य में होती है।
चार दिन का होगा छठ महोत्सव
5 नवंबर-नहाय खाय
6 नवंबर-खरना
7 नवंबर-संध्या अघ्र्य
8 नवंबर-उगते सूर्य को अघ्र्य